राफेल मामला: पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज केंद्र सरकार दाखिल कर सकती है जवाब
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 4, 2019 08:51 AM2019-05-04T08:51:26+5:302019-05-04T10:50:23+5:30
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया था कि यदि कोई जवाब देना है तो उसे शनिवार तक दाखिल किया जाये।
सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे पर फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका पर जारी सुनवाई के तहत केंद्र सरकार आज (शनिवार) अपना जवाब दाखिल कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हुई पिछली सुनवाई में केंद्र से 4 मई तक जवाब देने को कहा था।
कोर्ट ने इससे पहले फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीदने को चुनौती देने वाली याचिकायें 14 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दी थीं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर यदि कोई जवाब देना है तो उसे शनिवार तक दाखिल किया जाये और इस मामले को छह मई को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया था।
वेणुगोपाल ने जब पीठ से यह कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर केन्द्र को अभी तक नोटिस भी जारी नहीं हुआ है तो न्यायालय ने कहा कि वह अटॉर्नी जनरल के अनुरोध का अपने आदेश में जिक्र करेगा और औपचारिक नोटिस जारी करेगा। बता दें कि वरिष्ठ वकील वकील प्रशांत भूषण और दो पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवन्त सिन्हा और अरूण शौरी ने पुनर्विचार याचिका के अलावा महत्वपूर्ण सामग्री और तथ्य न्यायालय से छिपाने का आरोप लगाते हुये सरकार के खिलाफ एक अर्जी दायर कर रखी है।
इसके अलावा दूसरी अर्जी में इन तीनों ने पुनर्विचार याचिका पर निर्णय के लिये चुनिन्दा प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने का केन्द्र को निर्देश देने का अनुरोध किया है। अटार्नी जनरल ने कहा कि केन्द्र इन दोनों ही आवेदनों का विरोध करेगा।
केन्द्र सरकार ने इसी हफ्ते सोमवार को न्यायालय से अनुरोध किया था कि उसे इस मामले की मंगलवार को होने वाली सुनवाई को स्थगित करे क्योंकि उसे पुनर्विचार याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिये कुछ समय चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था।
बता दें कि कोर्ट ने 10 अप्रैल को लीक दस्तावेजों पर अपना फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को इस सौदे से संबंधित लीक हुये कुछ दस्तावेजों पर आधारित अर्जियां स्वीकार कर लीं और पुनर्विचार याचिकाओं पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियों को अस्वीकार कर दिया जिससे केन्द्र को झटका लगा था।
(भाषा इनपुट के साथ)