रायबरेलीः शर्मनाक, पुरुष शौचालय की सफाई महिला कर्मी क्यों?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्राम प्रधान को 22 मई को हाजिर होने को कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 1, 2025 23:15 IST2025-05-01T23:09:29+5:302025-05-01T23:15:48+5:30

Raebareli: जनहित याचिका जमुना प्रसाद ने ज्योना ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति के बारे में दायर की थी।

Raebareli Shameful, why women cleaning men's toilets Allahabad High Court orders village head to appear on May 22 | रायबरेलीः शर्मनाक, पुरुष शौचालय की सफाई महिला कर्मी क्यों?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्राम प्रधान को 22 मई को हाजिर होने को कहा

सांकेतिक फोटो

Highlightsग्राम प्रधान को 22 मई को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी आदेश दिया। पीठ ने याचिका में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए ग्राम प्रधान को तलब किया था। गांव में पुरुषों और महिलाओं के लिए एक सामान्य शौचालय बनाया गया है।

लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रायबरेली के एक गांव में पुरुषों के लिए सार्वजनिक शौचालयों के रखरखाव का काम महिलाओं को सौंपे जाने पर बृहस्पतिवार को चिंता जताई। यह मुद्दा उस समय आया जब न्यायालय की लखनऊ पीठ रायबरेली जिले के महाराजगंज विकास खंड के ज्योना गांव में पुरुषों और महिलाओं के लिए शौचालयों के निर्माण व रखरखाव से संबंधित एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति ए. के. श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले में विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया तथा संबंधित ग्राम प्रधान को 22 मई को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी आदेश दिया। यह जनहित याचिका जमुना प्रसाद ने ज्योना ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति के बारे में दायर की थी।

इससे पहले, पीठ ने याचिका में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए ग्राम प्रधान को तलब किया था। अदालत के आदेश का पालन करते हुए, ग्राम प्रधान पीठ के समक्ष उपस्थित हुए और न्यायाधीशों को बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में पुरुषों और महिलाओं के लिए एक सामान्य शौचालय बनाया गया है।

उन्होंने अदालत को बताया, "एक ही स्थान पर महिलाओं के लिए तीन अलग-अलग शौचालय और पुरुषों के लिए भी इतने ही शौचालय बनाए गए हैं। शौचालयों के रखरखाव की निगरानी के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से 12 महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह को लगाया गया है।" पुरुषों के लिए विशेष रूप से निर्धारित शौचालयों के रख-रखाव के संबंध में ग्राम पंचायत के दृष्टिकोण के बारे में न्यायालय द्वारा पूछे जाने पर, ग्राम प्रधान ने बताया कि एक ही स्वयं सहायता समूह सभी शौचालयों के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि समूह में केवल महिलाएं शामिल हैं, जो लगभग एक वर्ष से कार्यरत हैं। पीठ ने इस स्पष्टीकरण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "पुरुषों के शौचालयों का रखरखाव महिला कर्मियों से कराना ग्राम पंचायत द्वारा विकसित किसी भी योजना के अनुरूप नहीं लगता। रखरखाव का विशेष नियंत्रण ग्राम पंचायत के पास है। 

Web Title: Raebareli Shameful, why women cleaning men's toilets Allahabad High Court orders village head to appear on May 22

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