शीला दीक्षित के नेतृत्व पर उठे सवाल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में नए अध्यक्ष की तलाश

By एसके गुप्ता | Published: May 29, 2019 08:10 AM2019-05-29T08:10:28+5:302019-05-29T08:10:28+5:30

question of leadership of Sheila Dikshit, search for new president of Delhi Pradesh Congress | शीला दीक्षित के नेतृत्व पर उठे सवाल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में नए अध्यक्ष की तलाश

शीला दीक्षित को लोकसभा चुनाव 2019 में हार का सामना करना पड़ा है।

Highlights पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन को फिर प्रदेश की बागडोर सौंपी जा सकती है.लंबे समय से दिल्ली कांग्रेस कार्यकारिणी का भी गठन नहीं हुआ है.

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव हारने के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं. इससे पहले वह 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से चुनाव हारी थीं. इस बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट पर चुनाव हारने के बाद उनके राजनीतिक करियर पर ही सवाल उठने लगे हैं. दो बड़े चुनाव हारने के बाद शीला दीक्षित पर नैतिक दबाव बनने लगा है कि चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हुए वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें.

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व बदलाव की तैयारी में लग गया है. प्रदेश कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि शीला दीक्षित बेशक दिल्ली में किए गए विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस जाना पहचाना चेहरा हैं. वह 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और इस दौरान उन्होंने कई चुनावों में शानदार जीत दर्ज की. हाल के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को दूसरे नंबर पर लाकर खड़ा करने में शीला दीक्षित का बड़ा रोल है. लेकिन उनकी उम्र उनकी नेतृत्व क्षमता में आड़े आ रही है.

लोकसभा चुनाव में पार्टी को उनके साथ 3 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पड़े थे. इनकी राय भी एकजुट नहीं है, जबकि इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे अजय माकन अकेले ही केजरीवाल और भाजपा को टक्कर दे रहे थे. कांग्रेस भले ही लोकसभा चुनावों में दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई हो, लेकिन भाजपा के विकल्प के रूप में दूसरे नंबर पर रही है. इससे साफ है कि केजरीवाल से दिल्ली वालों का मोह भंग हो गया है.

माकन के नाम की फिर चर्चा

प्रदेश कांग्रेस में इस बात की चर्चा है कि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन को फिर प्रदेश की बागडोर सौंपी जा सकती है. माकन के अलावा अरविंदर सिंह लवली, जे.पी. अग्रवाल और हारू न युसूफ के नामों पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है. यह चारों पहले भी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. तत्काल लें फैसला कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में महज आठ माह का समय बाकी है. ऐसे में पार्टी हाईकमान को जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर निर्णय लेना होगा. लंबे समय से कांग्रेस कार्यकारिणी का भी गठन नहीं हुआ है. नई कार्यकारिणी और प्रदेश अध्यक्ष के बनने से पार्टी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रर्दशन कर सकेगी.

Web Title: question of leadership of Sheila Dikshit, search for new president of Delhi Pradesh Congress

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