WHO के अलर्ट के बाद क्यूपी फार्मा के निदेशक का बड़ा दावा, "भारत को बदनाम करने के लिए बनाई गई नकली खांसी की दवा"
By अंजली चौहान | Published: April 26, 2023 11:07 AM2023-04-26T11:07:11+5:302023-04-26T11:31:53+5:30
डब्ल्यूएचओ ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में दूषित सीरप पाए जाने के बाद पंजाब की कंपनी द्वारा निर्मित प्रोडक्ट को लेकर अलर्ट जारी किया है।
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेसिया में भारत में निर्मित खांसी की दवाई पर उत्पाद अलर्ट जारी कर दिया है। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी किए अलर्ट के बाद क्यूपी फार्मा केम लिमिटेड की ओर से प्रतिक्रिया आई है।
फार्मा के प्रबंध निदेशक सुधीर पाठक ने कहा, "किसी ने दवा की नकल की है भारत सरकार को बदनाम करने की कोशिश है।"
दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में दूषित सीरप पाए जाने के बाद पंजाब की कंपनी द्वारा निर्मित प्रोडक्ट को लेकर अलर्ट जारी किया है। दूषित उत्पाद पंजाब की क्यूपी फार्मा केम लिमिटेड (QP Pharma Chem Limited) द्वारा निर्मित बताई जा रही है।
"Someone duplicated cough syrup to defame India": Managing Director, QP Pharma Chem Ltd after WHO issues alert
— ANI Digital (@ani_digital) April 26, 2023
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फार्मा के एमडी सुधीर पाठक ने कहा कि पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को संदेह है कि किसी ने कंबोडिया भेजे गए खांसी की दवाई की नकल की है और फिर इसे मार्शल द्वीप समूह और माइक्रोनेशिया में बेच दिया है।
सुधीर पाठक ने कहा कि एफडीए विभाग ने खांसी की दवाई के नमूने लिए थे और उन्हें जांच के लिए कंबोडिया भेजा गया था। उन्होंने कहा कि एफडीए विभाग ने परीक्षण के लिए कंबोडिया भेजे गए खांसी की दवाई के नमूने लिए हैं। खांसी की दवाई की कुल 18,336 बोतलें भेजी गईं।
गौरतलब है कि जिस कफ सिरप की गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ ने सवाल उठाए हैं। वह सिरप भारत से केवल कंबोडिया भेजे जाने की अनुमति दी गई थी। यह मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया तक कैसे पहुंचा इसके बारे में कोई सूचना नहीं है। यह भारतीय बाजार में भी उपलब्ध है।
भारत में इस कप सिरप से किसी तरह की हानि के अभी तक कोई मामले सामने नहीं आए हैं लेकिन मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया में कथित दवा के दूषित पाए जाने के कारण हड़कंप मच गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलर्ट के बाद कंपनी के लिए मुश्किले खड़ी हो सकती है क्योंकि पहले भी इसी तरह के मामले सामने आने के बाद कई कंपनी के उत्पादन निर्माण पर रोक लगाई जा चुकी है।