पिछले एक साल में घोटालों को लेकर सुर्खियों में रहे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने फैसला किया है कि उसकी सालाना आम बैठक (एजीएम) और असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में राष्ट्रगान गाया जाएगा। यह बैठकें बैंक के नीति निर्धारण से जुड़े अहम फैसलों पर शेयर धारकों की राय जानने की लिए आयोजित की जाती हैं।
भारत के सरकारी क्षेत्र का यह बैंक तब चर्चा में आया था इसने सीबीआई में शिकायत दर्ज करायी की हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने उसे कई सौ करोड़ रुपये का चूना लगाया है। बैंक ने पहले 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। बाद में यह राशि बढ़कर 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बतायी गयी।
पीएनबी के सालाना आम बैठक में राष्ट्रगान गाये जाने का प्रस्ताव एक शेयर धारक ने पेश किया जिसे बैंक के नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन सुनील मेहता ने मंजूरी दी। मेहता ने मीडिया इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह बैठक 18 सितंबर 2018 को हुई थी। इसी बैठक में फैसला लिया गया था कि बैंक की एजीएम और ईजीएम में राष्ट्रगान गाया जाएगा। बैंक की कथित सालाना बैठक वित्त वर्ष 2017-18 (एक अप्रैल 2017- 31 मार्च 2018) के वित्तीय लेखाजोखा पर विचार के लिए बुलायी गयी थी।
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के कथित घोटाले के सामने आने के बाद से पीएनबी को जनवरी-मार्च 2018 की तिमाही में में कुल 13,416 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। अप्रैल-जून 2018 की तिमाही में पीएनबी को 940 करोड़ का घाटा हुआ। जुलाई-सितंबर 2018 की तिमाही में पीएनबी को 4532 करोड़ का घाटा हुआ।
क्या है नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पीएनबी घोटाला
फरवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बैंक के कामकाज में अनियमितताएं बरती गईं। इसमें प्रमुख रूप से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चौकसी ने भारतीय बैंकों के 13000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया। पीएनबी के अनुसार मोदी और चौकसी ने साल 2011 से 2018 के बीच ये राशि बैंक से निकाली।
इस घोटाले में बैंक के कई अधिकारियों ने भी उसका साथ दिया। सीबीआई और ईडी ने इस मामले में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी समेत पीएनबी के कई अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। मुंबई की अदालत नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगोड़ा घोषित कर चुकी है।
बैंक घोटालों के खुलासे से पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर भाग गए थे। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगातार दोनों की संपत्तियों को जब्त कर रहा है। ईडी अब तक 6000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर चुकी है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों अभी तक देश से फरार हैं।