पंजाब: पराली नहीं जलाने के लिए मिला था इनाम, किसान आंदोलन के समर्थन में पंचायत लौटाएगी 18 लाख रुपए

By बलवंत तक्षक | Published: December 15, 2020 08:07 AM2020-12-15T08:07:37+5:302020-12-15T08:45:40+5:30

पंजाब में मोगा जिले की रसीह कलां ग्राम पंचायत ने किसानों आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है। इस पंचायत को दो महीने पहले ही पुरस्कारों से नवाजा गया था।

Punjab Moga district Panchayat to return award of 18 lakh rupees in support of Farmers Protest | पंजाब: पराली नहीं जलाने के लिए मिला था इनाम, किसान आंदोलन के समर्थन में पंचायत लौटाएगी 18 लाख रुपए

पंजाब में मोगा जिले की रसीह कलां ग्राम पंचायत लौटाएगी पुरस्कार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsपंजाब में मोगा जिले की रसीह कलां ग्राम पंचायत लौटाएगी दो राष्ट्रीय पुरस्कार और 18 लाख रुपयेपंचायत को पराली नहीं जलाने सहित कूड़े के सही निपटान और दूसरे बेहतरीन काम के लिए मिला था पुरस्कार रसीह कलां के सरपंच प्रीत इंद्रपाल सिंह मिंटू ने कहा कि मंगलवार को वे अपनी टीम के साथ दिल्ली कूच करेंगे

चंडीगढ़: पंजाब में मोगा जिले की रसीह कलां ग्राम पंचायत ने किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार की तरफ से मिले दो राष्ट्रीय पुरस्कार और 18 लाख रुपए की इनामी राशि वापस लौटाने का फैसला किया है. दिल्ली बॉर्डर पर मंगलवार को पंचायत की तरफ से दोनों राष्ट्रीय पुरस्कार किसान संगठनों के सुपुर्द किए जाएंगे.

केंद्र सरकार को 18 लाख की इनामी राशि लौटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. रसीह कलां पंचायत को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने, तालाब को झील का रूप देने, पार्क बनाने, पराली नहीं जलाने और सूखे व गीले कूड़े के सही निपटारे के लिए राज्य में पहला स्थान हासिल किया था.

दो महीने पहले पंचायत को दिया गया था पुरस्कार

दो महीने पहले ही कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पंचायत को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार और दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था. इन दोनों पुरस्कारों के साथ पंचायत को 18 लाख रुपए की इनामी राशि भी दी गई थी.

पंचायत ने अब गांववासियों को भरोसे में लेकर किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए पुरस्कार व इनामी राशि लौटाने का फैसला लिया है.

उल्लेखनीय है कि पंचायत ने अपने स्तर पर पराली नहीं जलाने वाले किसानों को पांच सौ रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने का निर्णय लिया था. इसके बाद गांव के सभी किसानों ने पराली को आग लगाने के बजाये खेतों में सीधी बिजाई शुरू कर दी थी.

पराली नहीं जलाने वाले पहले गांव के तौर पर पहचान

इसी वजह से गांव को राज्यभर में पराली नहीं जलाने वाले पहले गांव के तौर पर जाना गया था. रसीह कलां के सरपंच प्रीत इंद्रपाल सिंह मिंटू ने कहा कि मंगलवार को वे अपनी टीम के साथ दिल्ली कूच करेंगे और किसान संगठनों के दरबार में पेश हो कर अपने दोनों राष्ट्रीय पुरस्कार उनके सुपुर्द करेंगे.

इसके बाद बैंक खाते के जरिये पंचायत को मिली 18 लाख रुपए की इनामी राशि भी कानूनी प्रक्रिया के जरिये केंद्र को वापस लौटा दी जाएगी. मिंटू ने बताया कि पंजाबियत और किसानी को बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था. अपने अच्छे कामों की वजह से ऐसे कई पुरस्कार और इनाम तो वे भविष्य में भी अपने नाम करते रहेंगे.

Web Title: Punjab Moga district Panchayat to return award of 18 lakh rupees in support of Farmers Protest

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