पंजाब: सिद्धू को मनाना राहुल गांधी के लिए नहीं था आसान, दो घंटे होटल में हुई बात फिर हुआ ऐलान
By बलवंत तक्षक | Published: February 7, 2022 08:41 AM2022-02-07T08:41:39+5:302022-02-07T08:41:39+5:30
पंजाब में आखिरकार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान रविवार को कर दिया। राहुल गांधी ने इसके लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की घोषणा की। हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस तरह का तेवर अपना रखा था, ऐसे में कांग्रेस के लिए फैसला लेना आसान नहीं था।
लुधियाना: पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री पद के चेहरे की दौड़ में चरणजीत सिंह चन्नी से पिछड़ गए। इसके बावजूद पार्टी में एकजुटता जाहिर करने के लिए वे लुधियाना की रैली में राहुल गांधी और चन्नी सहित चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन सुनील जाखड़ के साथ मंच पर हाथ डालकर फोटो खिंचवाते नजर आए।
आसान नहीं था सिद्धू को मनाना
बगावती तेवरों को देखते हुए राहुल गांधी के लिए सिद्धू को मनाना आसान नहीं था। राहुल गांधी ने चन्नी के नाम की घोषणा करने से पहले चन्नी और सिद्धू से होटल में करीब दो घंटे तक बात की। इस वजह से रैली दो घंटे देरी से शुरू हो पाई। कांग्रेस को डर था कि चन्नी के नाम की घोषणा से सिद्धू कहीं पार्टी को परेशानी में न डाल दें, क्योंकि उन्होंने पहले से ही काफी सख्त तेवर दिए थे।
राहुल ने बताया- क्यों है चन्नी की जरूरत
राहुल गांधी ने चन्नी को पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करते हुए कहा, 'यह एक कठिन निर्णय था, आपने इसे आसान बना दिया।' गांधी ने कहा, ‘पंजाब के लोगों ने कहा कि हमें एक ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है, जो ‘गरीब घर’ से हो, जो गरीबी और भूख को समझता हो।'
राहुल गांधी ने साथ ही कहा कि पंजाब के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें कठिन काम दिया। उन्होंने कहा कि 10-15 दिनों में कोई राजनीतिक नेता नहीं बनता है। गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘राजनीतिक नेता मीडिया और टीवी की बहस में नहीं बनते हैं। एक व्यक्ति वर्षों के संघर्ष के बाद नेता बनता है और कांग्रेस के पास ऐसे गहनों की कोई कमी नहीं है।’
नाम की घोषणा से पहले चन्नी और सिद्धू दोनों ने फिर से आश्वासन दिया कि पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में जिसे भी चुना जाएगा, वे निर्णय के साथ खड़े होंगे।
चन्नी ने कहा- अब पूरे 5 साल देखना
इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा कि वह कभी किसी पद के लिए नहीं भागे। सिद्धू ने कहा, '17 साल के राजनीतिक करियर में सिद्धू कभी किसी पद के लिए लालायित नहीं रहा, लेकिन हमेशा पंजाब की बेहतरी और उसके लोगों की जिंदगी में सुधार चाहा।'
राहुल गांधी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह वही हैं, जिन्होंने पिछले साल एक दलित को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। उन्होंने कहा, 'यह बदलाव का पल है, जो लोगों के जीवन को बेहतर कर सके।'
वहीं, चन्नी ने रैली को संबोधित करते हुए अमरिंदर सिंह के पिछले सितंबर में इस्तीफा देने के बाद उनकी सरकार द्वारा लिए गए कई फैसलों के बारे में बात की। चन्नी ने रैली में अपने 111 दिनों के काम गिनाते हुए कहा कि मुझे आपलोगों ने 3 माह काम करते देखा है, अब 5 साल दखना।