Punjab Election 2022: आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को भुनाने में लगी 'आप', रिहाई पर बोले भगवंत मान- फाइल आते ही साइन करेगी दिल्ली सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2022 08:15 PM2022-01-24T20:15:37+5:302022-01-24T20:24:38+5:30
पंजाब में आप के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान ने कहा कि भुल्लर की फाइल जैसे ही सीएम केजरीवाल के पास आयेगी, वो तुरंत साइन करेंगे
पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 में एक बार फिर आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई का मामला अकाली दल और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के केंद्र में है।
अकाली दल आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के मामले में आप को पंजाब के सियासी कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है। अकाली दल का स्पष्ट आरोप था कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आतंकी भुल्लर को अरविंद केजरीवाल की सरकार जान-बूझकर रिहा नहीं होने दे रही है।
अकालियों का आरोप है कि रिहाई की फाइल पर दिल्ली सरकार के दस्तखत होने हैं, जिसे केजरीवाल सरकार नहीं कर रही है। दरअसल कई सालों से पंजाब के कई धार्मिक संगठन और राजनीतिक दल मानवीय आधार पर भुल्लर की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
अब इस मामले में सोमवार को नया ट्विस्ट ला दिया पंजाब में आप के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान ने। मान ने कहा कि देविंदर पाल सिंह भुल्लर की फाइल जैसे ही दिल्ली सरकार के पास आएगी, मुख्यमंत्री केजरीवाल तुरंत फाइल पर साइन कर देंगे।
इसके साथ ही मान ने कहा कि दिल्ली सरकार भुल्लर की रिहाई का विरोध नहीं कर रही है। अकाली दल झूठी बात कर रहे है। पंजाब की जनता सब जानती है और जल्द ही आकालियों का फैसला अपने वोट से करने वाली है।
पंजाब चुनाव से ठीक पहले आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर का मुद्दा राजनीतिक दलों के बीच सियासत गर्मी पैदा कर रहा है। यही कारण है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भुल्लर की रिहाई का मुद्दा अकाली और आप दोनों ही उछाल रहे हैं।
आतंकी देविंदर पाल सिंह भुल्लर साल 1993 में दिल्ली में हुए बम विस्फोट का दोषी है। इस हमले में यूथ कांग्रेस के पूर्व नेता मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा बुरी तरह से घायल हो गये थे, वहीं उनके सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। इसी मामले में कोर्ट ने साल 2002 में भुल्लर को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन विभिन्न कारणों से भुल्लर की फांसी टलती रही।
फांसी की सजा के 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2014 में भुल्लर की फांसी की सजा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि अब उनकी मानसिक स्थिति फांसी की सजा के लिए ठीक नहीं है।
मालूम हो कि पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर मतदान 20 फरवरी को होगा, उससे पहले भुल्लर की रिहाई का मुद्दा आप और अकाली के पाले में फुटबॉल की गेंद की तरह आता-जाता रहेगा।