पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रवासी श्रमिकों से पैदल यात्रा नहीं करने का किया आग्रह
By भाषा | Published: May 25, 2020 04:35 AM2020-05-25T04:35:58+5:302020-05-25T04:35:58+5:30
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 10 लाख से अधिक लोगों ने पंजाब से बाहर जाने के लिए राज्य के पोर्टल पर पंजीकरण कराया था।
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों से पैदल यात्रा नहीं करने का रविवार को आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार घर वापसी के लिए ट्रेनों या बसों के माध्यम से उनकी यात्रा के सभी आवश्यक प्रबंध कर रही है। सिंह ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और हर प्रवासी जो घर लौटने का इच्छुक है, उसके लिए राज्य द्वारा निशुल्क यात्रा और भोजन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने ‘‘संकट में फंसे हर व्यक्ति का ध्यान रखने’’ के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
एक सरकारी बयान के अनुसार सिंह ने प्रवासियों से कहा, ‘‘पंजाब आपकी कर्मभूमि है, भले ही वह आपकी जन्मभूमि न हो।’’ सिंह ने उपायुक्तों और जिला पुलिस प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि किसी भी प्रवासी को किसी अन्य राज्य में अपने घर जाने के लिए पैदल चलने को मजबूर न होना पड़े या उन्हें पंजाब में रहते हुए भूखा न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनकी सरकार का कर्तव्य है कि अपने घर जाने के इच्छुक सभी प्रवासी सुरक्षित रूप से अपने गृह राज्यों में वापस लौट जायें।
सिंह ने उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोई प्रवासी यदि सड़क पर पैदल चलते हुए पाया जाये तो पुलिस उसे बस द्वारा उस निकटवर्ती स्थान पर ले जाये जहां से वह अपने गृह राज्य जाने के लिए ट्रेन या बस में सवार हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख से अधिक लोगों ने पंजाब से बाहर जाने के लिए राज्य के पोर्टल पर पंजीकरण कराया था।
राज्य सरकार ने फिर से यह पता लगाने के लिए कि क्या वे अपने गृह राज्यों में लौटने के इच्छुक हैं या नहीं, अलग-अलग फोन कॉल करके सभी पंजीकृत लोगों से पूछे जाने का एक व्यापक अभियान चलाया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इस तथ्य के मद्देनजर किया जा रहा है कि पिछले तीन-चार दिनों में राज्य में लगभग दो-तिहाई औद्योगिक इकाइयों ने प्रतिबंधों में ढील के बाद कामकाज शुरू किया है, जिसके बाद पंजाब से बाहर जाने के लिए इच्छुक लोगों की संख्या काफी कम हो गयी है।’’
सिंह ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार अपने घर लौटने वाले लोगों के वास्ते ट्रेनों का संचालन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त यात्रा और भोजन उपलब्ध कराने के लिए अप्रैल के अंत में लिये गये अपने फैसले के बाद रेलवे को पहले ही 20 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।