पंजाब: किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को 5 अगस्त तक 5 लाख का मुआवजा, पंजाब सरकार के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन वापस लिया गया
By अनिल शर्मा | Published: August 3, 2022 07:44 AM2022-08-03T07:44:34+5:302022-08-03T07:53:20+5:30
संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 अगस्त को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गन्ने के बकाया का भुगतान न करने और सफेद मक्खी से क्षतिग्रस्त कपास की फसल के मुआवजे सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने की अपनी मंशा की भी घोषणा की थी।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा गन्ना किसानों के लंबित भुगतानों को मंजूरी देने सहित उनकी अधिकांश मांगों को स्वीकार करने के बाद मंगलवार को कई किसान संगठनों ने तीन अगस्त का अपना प्रस्तावित आंदोलन वापस लेने का फैसला किया। पंजाब के मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम यहां भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल के नेतृत्व में किसान नेताओं के साथ चार घंटे लंबी बैठक की।
राज्य सरकार के गन्ना बकाया भुगतान सहित उनके विभिन्न मुद्दों का समाधान करने में नाकाम रहने की स्थिति में किसानों ने तीन अगस्त को माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्रों में तीन जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने की घोषणा की थी। बैठक के बाद मान ने कहा, “मैं किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हूं। मेरे कार्यकाल में उन्हें अपनी वास्तविक मांगों के लिए विरोध-प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि गन्ना बकाया 195.60 करोड़ रुपये है और इसमें से 100 करोड़ रुपये 15 अगस्त, जबकि शेष 95.60 करोड़ रुपये 7 सितंबर तक चुका दिए जाएंगे।
भगवंत मान ने कहा, "आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को 5 अगस्त तक 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।" इस बीच, बीकेयू सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, "हमारे अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया गया है। हमने अपना विरोध अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। हमें आश्वासन दिया गया है कि 7 सितंबर तक बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। हमारी अगली बैठक 7 सितंबर को होगी।"
इससे पहले 31 जुलाई को, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा देशव्यापी विरोध के आह्वान के जवाब में पंजाब भर के किसानों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे का 'रेल रोको' विरोध किया था, जिसमें लगभग 40 फार्म संगठन शामिल थे जो मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के उचित कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं।
11 जुलाई को लुधियाना में भारती किसान यूनियन (लखोवाल) के कार्यालय में राज्य निकाय की बैठक में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया था। इससे पहले बीकेयू महासचिव और एसकेएम राज्य समिति के सदस्य हरिंदर सिंह लखोवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि किसान संगठन 18 से 30 जुलाई तक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर विरोध प्रदर्शन के लिए समर्थन जुटाएंगे।
एसकेएम ने 3 अगस्त को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गन्ने के बकाया का भुगतान न करने और सफेद मक्खी से क्षतिग्रस्त कपास की फसल के मुआवजे सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने की अपनी मंशा की भी घोषणा की थी।
भाषा इनपुट के साथ