व्यक्ति को अहंकार को दूर रखना चाहिए, अन्यथा गड्ढे में गिर जाएगा?, आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा- प्रत्येक शख्स में एक ‘सर्वशक्तिमान ईश्वर’...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 17, 2024 12:34 IST2024-12-17T12:32:23+5:302024-12-17T12:34:09+5:30
प्रत्येक व्यक्ति में एक ‘सर्वशक्तिमान ईश्वर’ होता है, जो समाज की सेवा करने की प्रेरणा देता है, लेकिन साथ ही अहंकार भी होता है।

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पुणेः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि व्यक्ति को अहंकार को दूर रखना चाहिए, अन्यथा वह गड्ढे में गिर सकता है। भारत विकास परिषद के विकलांग केंद्र के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने अहंकार के बारे में अपनी बात रखने के लिए रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में एक ‘सर्वशक्तिमान ईश्वर’ होता है, जो समाज की सेवा करने की प्रेरणा देता है, लेकिन साथ ही अहंकार भी होता है।
भागवत ने यह भी कहा कि भारत के विकास को सुनिश्चित करने के लिए समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति केवल सेवा तक सीमित नहीं है। संघ प्रमुख ने कहा कि सेवा का उद्देश्य नागरिकों को विकास में योगदान देने में सक्षम बनाना होना चाहिए।