पुलवामा हमला: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर जारी किया ‘डिमार्शे’, जानिए सरकार की रणनीति
By भाषा | Published: February 15, 2019 11:48 PM2019-02-15T23:48:04+5:302019-02-15T23:51:04+5:30
विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा कि पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद के खिलाफ तत्काल एवं प्रमाणिक कार्रवाई करें।
नयी दिल्ली, 15 फरवरीः पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़े कूटनीतिक अभियान के तहत भारत ने आतंकवाद को राजकीय नीति के माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को जोर-शोर से सामने रखने के लिए पी 5 देशों- अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 25 देशों के दूतों के साथ एक ब्रीफिंग की।
इस ब्रीफिंग से पहले विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को शुक्रवार साउथ ब्लॉक में अपने कार्यालय में तलब किया और बृहस्पतिवार को पुलवामा में आतंकी हमले पर सख्त आपत्तिपत्र जारी किया । पुलवामा में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं।
विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा कि पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद के खिलाफ तत्काल एवं प्रमाणिक कार्रवाई करें। उन्होंने उनसे कहा कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले संगठनों एवं लोगों को तत्काल रोके। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को इस जघन्य आतंकी हमले के मद्देनजर विचार विमर्श के लिये दिल्ली बुलाया गया है।
इस हमले के आलोक में पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने का निश्चय करने के कुछ ही घंटे बाद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संपर्क करने का कदम उठाया। ज्यादातर देशों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद संगठन के इस हमले की स्पष्ट तौर पर निंदा की है।
चीन ने जैश ए मोहम्मद द्वारा पुलवामा में किये गये इस हमले पर गहरा दुख प्रकट किया लेकिन उसने भारत को यह आश्वासन नहीं दिया कि वह इस संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने में भारत की अपील का समर्थन करेगा। सूत्रों के अनुसार गोखले ने पी 5 के दूतों के अलावा, यूरोप और एशिया के महत्वपूर्ण देशों जैसे जर्मनी, दक्षिण कोरिया, जापान आस्ट्रेलिया के दूतों के साथ भेंट की।
सूत्रों ने कहा, ‘‘विभिन्न देशों के मिशनों के प्रमुखों को इस आतंकवादी हमले में पाकिस्तान के और उससे समर्थन प्राप्त जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका को लेकर अब कोई संदेह नहीं है। उन्हें हमारी यह मांग भी समझ में आयी कि पाकिस्तान उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों से आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठनों को सभी सहयोग और वित्तपोषण फौरन बंद करे। विदेश सचिव ने आतंकवाद को राजकीय नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को जोर-शोर से सामने रखा। ’’
सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय पुलवामा आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को बेनकाब करने के लिए सभी कदम उठाता रहेगा और जैश ए मोहम्मद एवं उसके नेता मसूद अजहर के खिलाफ तत्काल प्रामाणिक कार्रवाई की मांग करता रहेगा।
उससे पहले दिन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडल की समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए एक जोरदार कूटनीतिक प्रयास करेगा। भारत ने पाकिस्तान को दिये गये सबसे तरजीही वाले देश का दर्जा भी शुक्रवार को वापस ले लिया।
जेटली ने कहा कि जिन्होंने षडयंत्रकर्ताओं को मदद की, उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी। दुनियाभर से कई देशों ने इस हमले की निंदा की है। अमेरिका, ब्रिटेन, रुस और फ्रांस ने कहा कि वे दुख की इस घड़ी में भारत के साथ हैं।
इस हमले की निंदा करते हुए रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि इस हमले के षडयंत्रकारियों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने भारत के साथ आतंकवाद निरोधक सहयोग और मजबूत करने के प्रति अपने देश का सहयोग दोहराया।