पुलवामा हमले के 5 शहीद, बिहार के शहीद रतन ठाकुर के पिता ने कहा- पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए दूसरे बेटे को भी कुर्बान करने को तैयार
By नियति शर्मा | Updated: February 15, 2019 18:45 IST
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 49 जवान शहीद हो गए। हमले में घायल 40 जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। करीब एक दर्जन जवानों की हालत गंभीर बतायी जा रही है।
पुलवामा हमले के 5 शहीद, बिहार के शहीद रतन ठाकुर के पिता ने कहा- पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए दूसरे बेटे को भी कुर्बान करने को तैयार
गुरुवार दोपहर सीआरपीएफ की 70 से ज्यादा बसों में बैठकर सीआरपीएफ के जवान जम्मू से जब कश्मीर के लिए निकले तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रास्ते में क्रूर नियति उनका इंतजार कर रही है. ये जवान छुट्टियों पर जाने के लिए कश्मीर आ रहे थे.
आतंकवादियों ने इन जवानों के काफिले पर हमला कर दिया. शुक्रवार दोपहर तक 49 जवान शहीद हो चुके हैं. 40 से ज्यादा घायल हैं और उनमें करीब एक दर्जन की हालत नाजुक है.
इस हृदय विदारक हादसे के बाद एक तरफ सुरक्षा एजेंसियाँ, राज्य और केंद्र सरकार पुलवामा हमले से उपजे हालत से निपटने में लगे हैं तो दूसरी तरफ शहीदों के परिजनों के आँसू नहीं थम रहे हैं.
किसी ने अपना बेटा खोया है, किसी ने भाई, किसी ने पति तो किसी ने पिता. इन 49 जवानों में सर्वाधिक 12 उत्तर प्रदेश के हैं. यूपी के अलावा राजस्थान, पंजाब एवं ओडिशा इत्यादि राज्यों के जवान भी शहीद हुए हैं.
शहीद जवानों की प्रादेशिक पृष्ठभूमि से साफ हो जाता है कि भारतीय सुरक्षाबल सही मायनों में देश के गुलदस्ता हैं. हर प्रांत, हर जाति, हर धर्म, हर संप्रदाय का इसमें प्रतिनिधित्व है.
आइए पुलवामा के 49 शहीदों में से 5 की पृष्ठभूमि से आपका परिचय करवाते हैं.
1- शहीद अजीत कुमार आजाद
पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान अजीत कुमारउत्तर प्रदेश के उन्नाव में आज मातम पसरा हुआ है. पुलवामा में हुए वीभत्स आतंकी हमले में शहीद हुए 49 सैनिकों में अजीत कुमार आजाद भी शामिल थे.अजीत के परिवार में पत्नी मीना व दो बच्चे ईशा (7) व श्रेया (4) है. शहीद की बड़ी बेटी ईशा ने मीडिया से कहा, "वह चाहती है कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए.
2- शहीद राम वकील माथुर
पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान राम वकील माथुर और उनके रोते-बिलखते परिजनउत्तरप्र देश के 40 वर्षीय राम वकील माथुर कल पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हो गये.राम वकील दो दशकों से CRPF में कार्यरत थे. राम वकील के परिवार में पत्नी गीता व तीन बच्चे हैं. राम वकील ने अपनी पत्नी से वापस लौट कर अपना घर बनाने का वादा किया था. वकील ने घर के लिए ज़मीन ख़रीद ली थी और बैंक से लोन के लिए भी आवेदन किया था.
3- शहीद रोहितांश लांबा
शहीद रोहितांश लांबा ने अभी तक अपनी नवजात बेटे का चेहरा भी नहीं देखा था।राजस्थान में जन्मे रोहितांश ने साल 2011 में CRPF जॅाइन की थी. 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में रोहितांश के शहीद होने की खबर से पूरा गांव शोक में डूब गया. रोहितांश की मौत की खबर के बाद उनके भाई जीतेंद्र लांबा की तबीयत बिगड़ गई। रोहितांश का सवा दो महीने का बेटा है जिसका नाम ध्रुव है।
4- शहीद सुखजिंदर सिंह
शहीद सुखजिंदर सिंह शादी के सात साल बाद पिता बने थे।सुखजिंदर सिंह अमृतसर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले थे. शहीद सुखजिंदर के पिता और उनका परिवार अब भी सदमे में है. सुखजिंदर का सात महीने का बेटा है. सुखजिंदर शादी के सात साल बाद पिता बने थे. पुलवामा हमले के एक घंटे पहले ही उन्होंने अपने परिवार से बात की थी. सुखजिंदर सीआरपीएफ की नौकरी से रिटायर होने के बाद अपने परिवार के साथ विदेश में बसना चाहते थे.
5- शहीद रतन ठाकुर
शहीद रतन ठाकुर के पिता ने बेटे की शहादत पर कहा कि वो अपने दूसरे बेटे को भी देश के लिए कुर्बान करने को तैयार हैं।बिहार के भागलपुर के रहने वाले रतन ठाकुर भी पुलवामा हमले में शहीद हो गए. रतन के निधन से उनका परिवार गहरे शोक में डूब गया है लेकिन उनका पिता ने मीडिया से कहा कि वो अब भी अपने दूसरे बेटे को देश के लिए कुर्बान करने को तैयार हैं।
रतन ठाकुर के पिता राम निरंजन ठाकुर ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा, "मेरा एक बेटा भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो चुका है, मैं अपने दूसरे बेटे को भी भारत माता को समर्पित कर दूंगा, लेकिन पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए। वहां एक बकरी का बच्चा भी जिंदा नहीं रहना चाहिए।" शहीद रतन ठाकुर के पिता ने कहा कि वह खुद भी 'इस आग में कूदने के लिए तैयार' हैं लेकिन पाकिस्तान को सबक जरूर सिखाया जाना चाहिए।