पुलवामा हमला: जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट, पिछले 30 सालों में आंतकियों ने 200 बार किया कार बम का इस्तेमाल

By सुरेश डुग्गर | Published: February 18, 2019 04:01 PM2019-02-18T16:01:23+5:302019-02-18T16:01:23+5:30

असल में खुफिया रिपोर्टें कहती हैं कि आतंकी जम्मू कश्मीर में भी धार्मिकस्थलों पर हमलों को अंजाम दे सकते हैं। यूं तो रघुनाथ मंदिर पर दो बार आतंकी हमला हो चुका है।

Pulwama attack: High alert in Jammu and Kashmir; last 30 years, intravenous 200 car bombs | पुलवामा हमला: जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट, पिछले 30 सालों में आंतकियों ने 200 बार किया कार बम का इस्तेमाल

पुलवामा हमला: जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट, पिछले 30 सालों में आंतकियों ने 200 बार किया कार बम का इस्तेमाल

पुलवामा के ताजा हमले के बाद सारे जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट जारी करने की बात कही  गई है पर बावजूद उसके सारा राज्य सहमा हुआ है। विशेषकर प्रसिद्ध धार्मिकस्थलों के आसपास रहने वाले और कश्मीर घाटी के वाशिंदे। धार्मिकस्थलों के एरिया में रहने वालों को आतंकी हमलों की पुनर्रावृत्ति का डर है तो कश्मीर में कार बमों की दहशत चेहरों की हवाईयां उड़ा रही हैं।

अधिकारियों ने दावा किया है कि पुलवामा के ताजा हमले के बाद सारे राज्य में सतर्कता को बढ़ाया तो गया लेकिन खुफिया एजेंसियों की खबरों के कारण दहशत फैल रही है। उनका कहना था कि कुछ लोगों द्वारा खुफिया रिपोर्ट को प्रमुखता दिए जाने के बाद लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।

असल में खुफिया रिपोर्टें कहती हैं कि आतंकी जम्मू कश्मीर में भी धार्मिकस्थलों पर हमलों को अंजाम दे सकते हैं। यूं तो रघुनाथ मंदिर पर दो बार आतंकी हमला हो चुका है। वैष्णो देवी गुफा तक आतंकी पहुंचे तो कई बार पर हर बार सुरक्षाबलों को सफलता मिली थी। और अब ताजा रपटों के बकौल, वैष्णो देवी का तीर्थस्थान आतंकी हिट लिस्ट में सबसे ऊपर है।

अधिकारी इसे मानते हैं कि बहुत बड़े भूभाग में फैले वैष्णो देवी तीर्थस्थल की सुरक्षा कर पाना संभव भी नहीं है। तभी तो तीर्थस्थान के बेस कैम्प कटड़ा में एक बार हथगोले का हमला सात श्रद्धालुओं की जान लील चुका है। चारों ओर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आतंकी कई बार शार्टकट रास्तों का इस्तेमाल कर गुफा से मात्र एक-डेढ़ किमी की दूरी पर घात लगा चुके हैं। ‘एक करोड़ से अधिक लोेगों को सुरक्षा प्रदान कर पाना कितना कठिन काम है आप बेहतर समझ सकते हैं,’कटड़ा में तैनात एक वरिष्ठ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अधिकारी का कहना था।

ऐसा ही हाल अन्य धार्मिक स्थानों का भी है। जम्मू का रेलवे स्टेशन भी दो हमलों को झेल चुका है। हालांकि लोगों की आस्था कम तो नहीं हुई मगर दहशत और आतंक का साम्राज्य जरूर पुनः फैल रहा है। ऐसा ही साम्राज्य कश्मीर घाटी में प्रतिदिन उस समय फैलता है जब कारों में बमों को लेकर घूमते आतंकवादियों के प्रति खबरें फैलती हैं।

आतंकी हमलों के बाद कश्मीर घाटी परेशान है क्योंकि पुलवामा हमले के बाद  ऐसी अफवाहें उड़ रही हैं कि कुछ कारें चोरी चली गई हैं जिनका इस्तेमाल आतंकियों द्वारा कार-बम के रूप में किया जा सकता है। कोई भी इन अफवाहों को हल्के तौर पर इसलिए नहीं लेना चाहता क्योंकि अभी तक कश्मीर 30 सालों में 200 के करीब कार बम हमलों को सहन कर चुका है और इनमें सैंकड़ों की जानें जा चुकी हैं।

हालत तो यह है कि अम्बेसडर तथा मारूति कारें मौत के परकाले दिखने लगी हैं। और किसी में अगर लाल बत्ती लगी हो तो डर खतरे के निशान से ऊपर इसलिए पहुंच जाता है क्योंकि आतंकवादियों द्वारा कार बमों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अधिकतर कारों पर ऐसी ही लाल बत्तियां नजर आई थीं।

स्थिति नियंत्रण में नहीं कही जा रही है। अधिकारी मानते हैं कि सुरक्षाबलों की कामयाबियों ने आतंकवादियों के जो पांव उखाड़े हैं उन्हें पुनः जमाने के लिए वे एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। और इसी जोर के तहत वे जहां मौका मिले उसे चूकने नहीं देना चाहते।

Web Title: Pulwama attack: High alert in Jammu and Kashmir; last 30 years, intravenous 200 car bombs

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