आयात-निर्यात के आंकड़ों को प्रकाशित करने पर हो सकती है छह माह की जेल और लग सकता है 50 हजार का जुर्माना

By विशाल कुमार | Published: February 7, 2022 08:42 AM2022-02-07T08:42:34+5:302022-02-07T08:44:44+5:30

व्यक्तिगत निर्यातित और आयातित वस्तुओं की मात्रा और मूल्य से संबंधित विवरणों के प्रसार पर रोक वित्त विधेयक 2022 में एक नए प्रावधान के माध्यम से की गई है जिसे हालिया बजट के साथ पेश किया गया था।

publishing-details-of-export-import-items-may-draw-6-month-jail-50k-fine | आयात-निर्यात के आंकड़ों को प्रकाशित करने पर हो सकती है छह माह की जेल और लग सकता है 50 हजार का जुर्माना

आयात-निर्यात के आंकड़ों को प्रकाशित करने पर हो सकती है छह माह की जेल और लग सकता है 50 हजार का जुर्माना

Highlightsवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीमा शुल्क अधिनियम में एक नई 135 एए पेश किया है।प्रकाशन पर छह महीने कारावास की सजा या 50,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने निर्यात और आयात आंकड़ों के अपुष्ट प्रकाशन करने पर रोक लगा दी है और ऐसा करने वालों को छह महीने के लिए जेल भेजने की धमकी भी दी है।

व्यक्तिगत निर्यातित और आयातित वस्तुओं की मात्रा और मूल्य से संबंधित विवरणों के प्रसार पर रोक वित्त विधेयक 2022 में एक नए प्रावधान के माध्यम से की गई है जिसे हालिया बजट के साथ पेश किया गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीमा शुल्क अधिनियम में एक नई 135 एए पेश किया है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के तहत भारत से निर्यात के लिए दर्ज किए गए माल के मूल्य या वर्गीकरण या मात्रा, या भारत में आयात, या ऐसे माल के निर्यातक या आयातक के विवरण से संबंधित कोई जानकारी प्रकाशित करता है, जब तक कि किसी कानून के तहत ऐसा करने की आवश्यकता न हो, उसे अधिकतम छह महीने कारावास की सजा या 50,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

इसमें साफ किया गया है कि इस खंड में निहित कुछ भी केंद्र सरकार द्वारा या उसकी ओर से किए गए किसी भी प्रकाशन पर लागू नहीं होगा।

वित्त विधेयक, 2022 के व्याख्यात्मक ज्ञापन में कहा गया है कि सीमा शुल्क अधिनियम में धारा 135 एए को आयातकों या निर्यातकों द्वारा अपनी घोषणाओं में सीमा शुल्क को प्रस्तुत किए गए आयात और निर्यात डेटा की रक्षा करने के लिए सम्मिलित किया गया है।

जब तक कि कानून द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है, इस तरह की जानकारी का प्रकाशन करना सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अपराध है।

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