अमित शाह के पत्र पर TMC का पलटवार, आरोप साबित करें या माफी मांगें, प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर राजनीति तेज
By निखिल वर्मा | Published: May 9, 2020 01:27 PM2020-05-09T13:27:03+5:302020-05-09T13:31:20+5:30
पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के 1678 मामले सामने आए हैं जबकि इस वायरस से 160 लोगों की मौत हुई है. कोरोना महामारी संकट के दौरान भी केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार में राजनीतिक खींचतान जारी है.
तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पत्र पर पलटवार किया है। बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेनों को न आने देने का आरोप लगाने वाले पत्र पर गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि आरोप साबित करें या माफी मांगें। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हफ्तों तक चुप्पी साधे रखने के बाद केवल झूठ से लोगों को गुमराह करने के लिए बोलते हैं।
A HM failing to discharge his duties during this crisis speaks after weeks of silence, only to mislead people with bundle of lies! Ironically he’s talking about the very ppl who’ve been literally left to fate by his own Govt. Mr @AmitShah, prove your fake allegations or apologise https://t.co/HeWYWFafZ5
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) May 9, 2020
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली ट्रेनों को राज्य पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है जिससे श्रमिकों के लिए और दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर, शाह ने कहा कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी श्रमिकों के साथ ‘‘अन्याय” है।
देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संदर्भ देते हुए, गृह मंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है। शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक भी घर पहुंचने के लिए बेचैन हैं और केंद्र सरकार ट्रेन सेवाओं की सुविधा भी दे रही है
शाह ने लिखा, “लेकिन हमें पश्चिम बंगाल से उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। यह उनके लिए और दिक्कतें खड़ी करेगा।”