BHU में मचे बवाल पर प्रोफेसर फिरोज खान का सवाल, कहा- मैं मुस्लिम हूं, तो क्या छात्रों को संस्कृत नहीं सिखा सकता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 19, 2019 11:58 AM2019-11-19T11:58:48+5:302019-11-19T12:27:10+5:30
बीएचयू ने एक बयान में कहा था कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि चयन समिति ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति पर बवाल जारी है। इस बीच प्रोफेसर फिरोज खान ने सावल पूछा कि मैं एक मुसलमान हूं, तो क्या मैं छात्रों को संस्कृत नहीं सिखा सकता।
एनबीटी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि संस्कृत से उनका खानदानी रिश्ता है। खान के मुताबिक उनके दादा गफूर खाम राजस्थान के रहने वाले थें और वो हिंदू देवी-देवताओं के भजन गाने के लिए मशहूर थे। खान के पिता भी संस्कृत की पढ़ाई की है।
मालूम हो कि इससे पहले बीएचयू ने प्रोफेसर का बचाव किया और कहा था कि वह धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बीएचयू का यह स्पष्टीकरण तब आया जब आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संस्कृत साहित्य विभाग में फिरोज खान का सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति का विरोध किया।
फिलहाल, संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पिछले कई दिनों से जारी है। बीएचयू ने एक बयान में कहा था कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि चयन समिति ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है।
इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कहा?
इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले भी स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी के नियमानुसार शिक्षक की योग्यता को देखते हुए नियुक्ति की गई है। कुलपति राकेश भटनागर ने शुक्रवार को डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को आवास पर बुलाकर करीब दो घंटे चर्चा की। इससे पहले कुलपति ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय प्रमुख और संकाय के सभी विभागाध्यक्षों के साथ भी विस्तार से चर्चा की।