छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के लिए मतदान हो चुके हैं। अब 11 दिसंबर को नतीजे आने के बाद किसी सरकार बनेगी यह यक्ष प्रश्न मुंह बाए खड़ा है। यह ऐसा पहला विधानसभा चुनाव है जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और तीसरे मोर्चे के रूप में प्रचारित जोगी कांग्रेस, कोई भी दावे के साथ कहने के लिए तैयार नहीं है कि प्रदेश में उन्हीं की सरकार बन रही है। ऐसे में एक और बड़ा सवाल खड़ा होता है। कौन बनेगा छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए तीन समीकरणों पर ध्यान देना होगा।
समीकरण 1: अगर बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता है
अगर छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लेती है तो रमन सिंह के मुख्यमंत्री बनने के एकबार फिर प्रबल संभावना है। बीजेपी ने अपने चुनावी कैम्पेन में भी रमन सिंह को ही अगुवा बनाया था। चुनावी पोस्टरों में प्रधानमंत्री मोदी किनारे रहे जबकि रमन सिंह सेनापति की भूमिका में बड़ी तस्वीर के साथ दिखाई दिए। बीजेपी के जीतने की स्थिति में रमन सिंह का मुख्यमंत्री बनना तय है। अगर ऐसा होता है तो ये उनका चौथा कार्यकाल होगा।
समीकरण 2: अगर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता है
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिलने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के लिए खींच-तीन मच सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बात को भली-भांति समझते हैं इसलिए उन्होंने राज्य में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओ को दिल्ली बुलाया है। कहा जा रहा है कि इन नेताओं के साथ राहुल गांधी संभावित परिदृश्य पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे। कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की स्थिति में छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री की दौड़ में ये चार नाम शामिल हैं।
1. भूपेश बघेलः- प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख भूपेश बघेल का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दोबारा खड़ा करने और 15 साल की बीजेपी सरकार के खिलाफ लहर पैदा करने में भूपेश बघेल का अहम योगदान माना जाता है।
2. टीएस सिंह देवः- मुख्यमंत्री पद के लिए टीएस सिंह देव की दावेदारी भी प्रबल है। विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष रहते हुए इन्होंने पूरे सूबे के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और एकजुट रखने के प्रयास किए। ये 2013 में कांग्रेस की हार के बाद विधायक दल का नेता भी चुने गए थे।
3. ताम्रध्वज साहूः- कांग्रेस के ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अपने समुदाय में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। सूबे में टिकट वितरण के बाद बढ़ते असंतोष को साधने में अहम भूमिका निभाई। छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक साहू समाज को एकजुट रखा।
4. चरण दास महंतः- ये कांग्रेस के पुराने और कद्दावर नेता हैं। मध्य प्रदेश सरकार में गृहमंत्री और यूपीए-2 कार्यकाल में राज्यमंत्री भी रहे। इन्हें भी कई विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनके भी मुख्यमंत्री बनने की संभावना है।
समीकरण 3: अगर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को बहुमत नहीं मिलता
अगर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी और कांग्रेस किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो फिर तीसरी शक्ति के रूप में प्रचारित किए जा रहे जोगी कांग्रेस और बीएसपी के गठबंधन पर सारा दारोमदार टिक जाएगा। ऐसे में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना भी जताई जा रही है।