राष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष की ओर से संयुक्त उम्मीदवार होंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 21, 2022 04:08 PM2022-06-21T16:08:17+5:302022-06-21T16:39:25+5:30
Presidential Election 2022: देश में 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के वास्ते अपने संयुक्त उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए विपक्षी दलों की मंगलवार को दिल्ली में बैठक की।
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा संयुक्त उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित 13 विपक्षी दलों ने सहमति जतायी है।
इससे पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों को प्रस्तावित किया गया था, लेकिन उन सभी ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया।
We (opposition parties) have unanimously decided that Yashwant Sinha will be the common candidate of the Opposition for the Presidential elections: Congress leader Jairam Ramesh pic.twitter.com/lhnfE7Vj8d
— ANI (@ANI) June 21, 2022
विपक्ष ने बयान में कहा कि हम भाजपा, उसके सहयोगियों से राष्ट्रपति के रूप में यशवंत सिन्हा का समर्थन करने की अपील करते हैं ताकि हम एक योग्य 'राष्ट्रपति' को निर्विरोध चुन सकें। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार चुने गए हैं। वह भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताने-बाने को बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए संसद भवन में एकत्र हुए विपक्षी नेताओं ने सिन्हा के नाम पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस आशय की घोषणा जल्द ही किए जाने की संभावना है।
बैठक में कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
We appeal to BJP, its allies to support Yashwant Sinha as prez so we can have a worthy 'rashtrapati' elected unopposed: oppn statement
— Press Trust of India (@PTI_News) June 21, 2022
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी बैठक में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी में 22 गैर-भाजपा दलों की बैठक बुलाई थी और उनमें से 17 दलों ने बैठक में भाग लिया था। सिन्हा दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके है। पहली बार वह 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में और फिर अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में वित्त मंत्री थे। वह वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री भी रहे।
बैठक में शामिल होने वालों में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, माकपा के सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा शामिल थे। पांच क्षेत्रीय दल - तेलगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजेडी), आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) इस बैठक से दूर रहे। इन पार्टियों को किसी भी धड़े में नहीं माना जाता। ये पार्टियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई 15 जून की बैठक से भी दूर रही थीं।
टीएमसी से इस्तीफा
तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे। कई दिनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा का नाम आगामी राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में पेश करेंगी।
सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘ ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया, मैं उसके लिए उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा। मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी अनुमति देंगी।’’
(इनपुट एजेंसी)