तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति कोविंद की मंजूरी, 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा कानून
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 1, 2019 08:32 AM2019-08-01T08:32:27+5:302019-08-01T08:32:27+5:30
लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है। इसी के साथ यह विधेयक अब कानून बन गया है। इसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा।
लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है। इसी के साथ यह विधेयक अब कानून बन गया है। इसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा। इस तारीख के बाद तीन तलाक से संबंधित मामलों को इस नए कानून के आधार पर डील किया जाएगा। नए कानून में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) एक्ट में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी।’ इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।
गौरतलब है कि मंगलवार को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले उच्च सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया। विधेयक पर लाये गये कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के एक संशोधन को सदन ने 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया।
बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर सभी सांसदों का आभार जताया था। पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, 'पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से इनपुट्स लेकर