राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ट्वीट पर विवाद, सिखों के ऐतराज पर हटाई पोस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 4, 2019 12:34 PM2019-04-04T12:34:48+5:302019-04-04T13:03:29+5:30
एसजीपी के सचिव रूप सिंह ने कहा, ''एसजीपीजी ने अंसतोष जाहिर किया है। राष्ट्रपति खुद ट्विटर पर पोस्ट अपलोड नहीं करते हैं। उनके कार्यालय को यह पता करना चाहिए कि किसने अपलोड किया था। उस आदमी शायद पता नहीं रहा होगा कि यह सिखों की भावनाएं आहत करेगा।''
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बुधवार (3 अप्रैल) को गुरु ग्रंथ साहिब की एक रचना 'मूल मंतर' पर आधारित डांस परफॉर्मेंस का वीडियो डिलीट करना पड़ा। अकाल तख्त और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति समेत सिख समुदाय से कई लोगों ने वीडियो ट्वीट किए जाने पर आपत्ति जताई थी।
यह डांस परफॉर्मेंस चिली के सेंटियागो में 31 मार्च को आयोजित की गई थी। कार्यक्रम में राष्ट्रपति कोविंद को भी आमंत्रित किया गया था। मूल मंतर को बीज मंतर और गुरु मंतर भी कहा जाता है जोकि जपजी साहिब के शुरू में आता है। यह गुरुग्रंथ साहिब की शुरुआत में एक प्रार्थना के तौर पर है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक वठिंडा के प्रोफेसर हरपाल सिंह पन्नू ने बताया, ''मूल मंतर जपजी साहिब के शुरू में आता है। यह महत्वपूर्ण रागों और बाणी की शुरुआत में भी आता है। यह गाने के लिए नहीं है। सिख आचार संहिता के अनुसार, मूल मंतर पर डांस परफॉर्मेंस ईश-निंदा है।''
राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने 1 अप्रैल को शाम 7.29 बजे वीडियो क्लिप अपलोड की थी।
ट्विटर और फेसबुक से पोस्ट्स डिलीट करने के बाद राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने ट्वीट किया, ''इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रपति कोविंद की चिली यात्रा के दौरान सेंटियागो में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया गया था। आयोजकों, विविध भारतीय समुदाय के सदस्यों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और कुछ वीडियो राष्ट्रपति के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा से किए गए। तब यह नोटिस किया गया है कि सांस्कृतित कार्यक्रम के वीडियो ने हमारे कुछ लोगों की भावनाओं को आहत किया है जिसके लिए राष्ट्रपति सचिवालय की कोई भूमिका नहीं थी। भारतीयों के सभी वर्गों के विश्वास और परंपराओं के लिए उत्तरदायी रहते हुए वीडियो हटा दिए गए हैं।''
राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रपति असमान रूप से भारत की विविधता को स्वीकार करते हैं ... वह गुरु नानक देव के जीवन और संदेश में एक महान विश्वास रखते हैं।”
अकाल तख्त प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत ने कहा कि एसजीपीजी को मामले की गंभीरता जांच के लिए निर्देश दिया गया है और कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
एसजीपी के सचिव रूप सिंह ने कहा, ''एसजीपीजी ने अंसतोष जाहिर किया है। राष्ट्रपति खुद ट्विटर पर पोस्ट अपलोड नहीं करते हैं। उनके कार्यालय को यह पता करना चाहिए कि किसने अपलोड किया था। उस आदमी शायद पता नहीं रहा होगा कि यह सिखों की भावनाएं आहत करेगा।''
बता दें कि अकाली नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने राष्ट्रपति को वीडियो हटाने और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था।