President Election: द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा? राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग आज, जानिए कब आएंगे नतीजे
By विनीत कुमार | Published: July 18, 2022 07:31 AM2022-07-18T07:31:53+5:302022-07-18T07:42:02+5:30
President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट आज डाले जाने हैं। इस बार एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है। 21 जुलाई को वोटों की गिनती के बाद इस बात का पता चल जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा।
नई दिल्ली: भारत के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग आज 10 बजे से शुरू होगी। इसके लिए तमाम तैयारियां संसद सहित पूरे देश में विधानसभा में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 21 जुलाई को वोटों की गिनती के बाद इस बात का पता चल जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा।
इस बार राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। वहीं, विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। उन्होंने इससे पहले 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के तौर पर काम किया है। द्रौपदी मुर्मू अगर राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करती हैं तो वे राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।
दूसरी ओर यशवंत सिन्हा पूर्व में प्रधानमंत्री रहे चंद्रशेखर की सरकार में 1990 से 1991 तक और फिर 1998 से 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे विदेश मंत्री भी रहे हैं। 2018 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी।
यशवंत सिन्हा या द्रौपदी मुर्मू, किसका पलड़ा भारी
राष्ट्रपति चुनाव इस बार दिलचस्प हो सकता है। हालांकि जिस तरह विपक्ष के कई दलों ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की बात कही है, उससे उनका पलड़ा भारी माना जा रहा है। मुर्मू को बीजद, वाईएसआरसीपी, बसपा, अन्नाद्रमुक, तेदेपा, जद (एस), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और झामुमो जैसे दलों ने समर्थन देने की बात कही है। ऐसे में एनडीए के लिए रास्ता आसान हो गया है।
हालांकि, इस बीच रविवार को यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर वह चुनी जाती हैं, तो वह ‘‘मूक, अदृढ और रबर-स्टाम्प राष्ट्रपति’’ बनेंगी। सिन्हा ने देश भर के सांसदों और विधायकों से ‘संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और भारत को बचाने’ में मदद करने के लिए पार्टी-संबद्धता की परवाह किए बिना उन्हें वोट देने की जोरदार अपील की।
उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा, ‘यह चुनाव आपके लिए भाजपा में बहुत जरूरी सुधार लाने का आखिरी मौका है।’ सिन्हा ने सांसदों से चुनाव में अंतरात्मा की आवाज के साथ मतदान करने की अपील की।
राष्ट्रपति चुनाव: सांसदों और विधायक डालेंगे वोट
राष्ट्रपति चुनाव में सांसद और विधायक वोट डालते हैं। हर राज्य में विधायकों के वोटों का मूल्य अलग-अलग होता है। ऐसे ही सांसदों के वोट का मूल्य भी अलग होता है। खास बात ये है कि संसद में नॉमिनेटेड मेंबर राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य को इसमें वोटिंग का अधिकार नहीं होता है।
उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के विधायकों का मत मूल्य सबसे अधिक है। यूपी के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है, यानी उनका कुल मूल्य 83,824 है। वहीं, सिक्किम के विधायकों का मत मूल्य सबसे कम है। इस बार सांसदों का मत मूल्य 700 है। इसी तरह तमिलनाडु और झारखंड के हर विधायक का मत मूल्य 176 है। महाराष्ट्र के विधायक का मूल्य 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश का मत मूल्य 159 है।