Azam Khan से मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान को वापस लेने की हो रही है तैयारी, 33 साल वाली लीज भी होगी कैंसिल, जानें वजह
By आजाद खान | Published: July 20, 2022 01:12 PM2022-07-20T13:12:15+5:302022-07-20T13:29:18+5:30
Azam Khan News: आपको बता दें कि आजम खान ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान के लिए इस तरीके से लीज करवाई थी कि वह इसे 33-33 साल के लिए दो बार इस्तेमाल कर सकें।
Azam Khan News: सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान को उनसे वापस लेने की तैयारी हो रही है। यही नहीं इस शोध संस्थान की लीज को भी निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।
आपको बता दें कि यह वही शोध संस्थान है जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ढाई साल पहले शासन को सौंपी गई एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। ऐसे में तत्कालीन मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह पर भी विभागीय कार्रावई होने जा रही है और उनसे जल्द ही आरोप पत्र को देखर जवाब भी मांगा जाएगा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, एसआईटी की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि आजम खान ने जिस मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान को शोध के लिए लीज पर लिया था, बाद में उसके उद्देश्य को ही बदल दिया था। लीज लेते समय यह कहा गया था कि इस शोध संस्था में उर्दू, अरबी व फारसी विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी एवं शोध के अन्य कार्य किए जाएगें, लेकिन बाद में इस भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल खुलवा दी गई थी।
इसे लेकर अनियमितताओं को देखते हुए योगी सरकार ने 2018 में इसकी एसआईटी जांच करवाई थी। इस जांच में खुलासे के बाद अब इस में कार्रवाई होने वाली है।
सलाना 100 रुपए के लीज पर लिया गया था संस्थान
आपको बता दें कि इस संस्थान को आजम खान द्वारा 33 साल के लिए 100 रुपए के सलाना लीज पर लिया गया था। इस लीज को ऐसे बनाया गया था कि इसे दो बार 33-33 साल के लीज पर लिया जा सकता है। यही नहीं आजम खान ने इस संस्थान को ऐसे ट्रस्ट को दिलवाया था जिसके वे खुद आजीवन अध्यक्ष हैं।
ऐसे में तत्कालीन मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह पर एसआईटी ने लापरवाही और उदासीनता के आरोप लगाते हुए उन पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।