विपक्षी एकता की होने वाली बैठक पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कसा तंज, कहा-ये लोग सिर्फ ढपली बजाने वाले हैं
By एस पी सिन्हा | Published: June 10, 2023 04:24 PM2023-06-10T16:24:53+5:302023-06-10T16:32:51+5:30
विपक्षी एकता पर एकबार फिर से हमला करते हुए पीके ने कहा कि आज नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। आज राजद के जीरो एमपी हैं और वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं।

विपक्षी एकता की होने वाली बैठक पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कसा तंज, कहा-ये लोग सिर्फ ढपली बजाने वाले हैं
पटना: बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि ये लोग सिर्फ ढपली बजाने वाले हैं। सिर्फ बैठकर चाय पीने और प्रेंस कॉन्फ्रेस करने से विपक्ष मजबूत नहीं होता। यदि ऐसा होता तो 20 साल पहले ही विपक्ष मजबूत हो जाता।
पीके ने कहा कि राजद के पास जीरो एमपी हैं। यानि कि एक भी सांसद राजद के पास नहीं है। वहीं नीतीश कुमार का अपना कोई ठिकाना नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के लोकसभा में 5 एमपी हैं और वे बात ऐसे करते हैं जैसे उनके 500 सांसद हों। ढपली बजाने वाले ये लोग एक जाति को खुश करने में लगे हैं।
विपक्षी एकता पर एकबार फिर से हमला करते हुए पीके ने कहा कि आज नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। आज राजद के जीरो एमपी हैं और वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं। जिस पार्टी का अपना ठिकाना नहीं है, वो पूरे देश की अलग-अलग पार्टियों को एकत्रित करने में लगा है। नीतीश कुमार पिछले दिनों ममता बनर्जी से मिले, क्या ममता बनर्जी लालू और नीतीश कुमार को पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने के लिए सीट देने को तैयार हो गई हैं? क्या लालू और नीतीश बिहार में टीएमसी को एक भी सीट देने के लिए तैयार हो गए हैं? नीतीश कुमार को कौन पूछता है?
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हाल ही में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव से मिलने गए। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2014 में 5 सीटें और 2019 में भी 5 सीटें मिली। हालांकि, वो बात ऐसे कर रहे हैं, जैसे पांच सौ एमपी इन्ही के पास हैं। दो जीरो को अगर जोड़ेंगे तो उससे क्या होगा? आज ये भाजपा के ’बी’ टीम हैं क्योंकि ये अपनी दुकान चला रहे हैं। आज ये बिहार में एक समुदाय के लोगों को मैसेज देने के लिए कि हम प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उनको भी मालूम है कि इस प्रयास से कुछ होने वाला नहीं है।आज ये लोग घर से निकलकर 5 किलोमीटर चल नहीं सकते हैं। कोई दौरा नहीं कर सकते हैं। कोई काम नहीं कर सकते हैं, ऐसे में राजनीति क्या करेंगे?