चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बगैर कुछ कहे नीतीश कुमार पर बोला हमला, शेयर की तस्वीरें
By एस पी सिन्हा | Published: September 9, 2022 06:43 PM2022-09-09T18:43:51+5:302022-09-09T18:47:35+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीके पर आरोप लगाया था कि वह शायद भाजपा की मदद कर रहे हैं। इसके बाद पीके ने नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह बुजुर्ग हो गए हैं और एक साल में उन्हें सब पता चल जाएगा।
पटना: देश के जानामाने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार किया है। उन्होंने नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए निशाना साधा है। पीके द्वारा शेयर की गई सभी तस्वीरों में बिहार के मुख्यमंत्री को हाथ जोड़कर मोदी का अभिवादन करते हुए देखा जा सकता है।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीके पर आरोप लगाया था कि वह शायद भाजपा की मदद कर रहे हैं। इसके बाद पीके ने नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह बुजुर्ग हो गए हैं और एक साल में उन्हें सब पता चल जाएगा।
इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने 4 तस्वीरें साझा की, जिनमें नीतीश कुमार हाथ जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने खड़े नजर आ रहे थे। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने इन तस्वीरों के जरिए नीतीश कुमार के उस आरोप का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने प्रशांत किशोर पर आरोप लगाया था कि वह भाजपा की मदद कर रहे हैं।
नीतीश कुमार ने इन दिनों प्रशांत किशोर की रंगत और बयानबाजी को देखते हुए कहा था कि वो पब्लिसिटी एक्सपर्ट हैं और वह शायद अब भाजपा की मदद करने के लिए वो महागठबंधन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि प्रशांत किशोर क्या बयान देते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। वह शायद भाजपा के साथ रहना चाहते हैं और हो सकता हो कि उसी कारण वह उनकी मदद करना चाहते हों।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रशांत किशोर के बारे में इतना तीखा बयान इसलिए दिया गया क्योंकि बीते दिनों प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी दे देंगे तो वो उनकी पार्टी का झंडा लेकर घूमेंगे।
इसके साथ ही किशोर ने यह भी कहा था कि मुझे नहीं लगता कि महागठबंधन बनने, राजद-जदयू के साथ आने से राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर पड़ेगा। कथित तौर पर जो आदमी अभी विपक्ष में है, वो दिल्ली जाकर दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करता है। केवल मुलाकात करने से विपक्ष नए तरीके और रणनीति के साथ खड़ा हो रहा है, ऐसा मुझे नहीं लगता है। मैंने तो कहीं ऐसी घोषणा नहीं देखी जिसमें सारे विपक्ष के नेता एक साथ बैठकर किसी चेहरे आदि की घोषणा की हो। अभी मुझे इस प्रयास में कुछ नई बात नहीं दिखती है।