'निर्भया के दोषियों को जल्द हो फांसी', AAP नेता संजय सिंह के बयान पर प्रकाश जावड़ेकर का जवाब- राज्य सरकार की वजह से हुई देरी
By पल्लवी कुमारी | Published: February 4, 2020 12:10 PM2020-02-04T12:10:44+5:302020-02-04T12:10:44+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों को फांसी देने पर रोक लगाने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर एक फरवरी को चारों दोषियों से जवाब मांगा था।
राज्यसभा में निर्भया के दोषियों को फांसी में देरी पर आप आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप-प्रत्यारोप चला। राज्यसभा में आज (4 फरवरी) को चर्चा के दौरान आप के सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड के दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। आप के सांसद संजय सिंह के बयान के बाद बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि फांसी में देरी की वजह राज्य की सरकार है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा दिल्ली की आप की सरकार की वजह से निभर्या के दोषियों की फांसी की सजा टल रही है और देरी हो रही है। जावड़ेकर ने राज्यसभा में कहा कि जेल अधिकारियों को दोषियों को सूचित करने की प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल से अधिक समय लग गया, जबकि उनकी अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही खारिज कर दिया था।
Union Minister & BJP leader Prakash Javadekar in Rajya Sabha: The appeal of the convicts was rejected by Supreme Court in 2017 but jail authorities took more than a year to complete the process for informing the convicts. The delay is due to the state government. https://t.co/a62fbl7M9jpic.twitter.com/UVAHaFMv3F
— ANI (@ANI) February 4, 2020
आप नेता संजय सिंह ने कहा, 2012 में एक दिल दहलाने वाला कांड हुआ था। पूरा देश निर्भया को न्याय दिलाने को लेकर सड़क पर उतर गया था। लेकिन मौजूदा स्थिति में अब जो हो रहा है वो बेहद बुरा है। दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद भी उन्हें सजा नहीं पाई है। सजा पर अमल के लिए तारीख पर तारीख दिए जा रहे है। मेरा मानना है कि सजा पर जल्द से जल्द अमल किया जाना चाहिए। इस पर राजनीतिक बयानबाजी बंद होनी चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों को फांसी देने पर रोक लगाने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर एक फरवरी को चारों दोषियों से जवाब मांगा था। कोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।