प्रह्लाद जोशी: ‘कश्मीर बचाओ’ आंदोलन से मिली थी खास पहचान, RSS समर्थक से मोदी कैबिनेट तक का सफर
By भाषा | Published: May 31, 2019 03:21 AM2019-05-31T03:21:07+5:302019-05-31T03:21:07+5:30
जोशी ने हाल ही में संपन्न धारवाड़ लोकसभा सीट पर 2,05,072 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी विनय कुलकर्णी को पराजित किया। अपने लंबे राजनीतिक कैरियर में पहली बार वह मंत्रिमंडल में शामिल हुये हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर समर्थक और लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे प्रह्लाद जोशी ने भगवा दल के गढ़ कहे जाने वाले धारवाड़ इलाके से चौथी बार जीत हासिल की। भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रदेशाध्यक्ष जोशी उस समय चर्चा में आये थे जब पार्टी ने हुबली के ईदगाह मैदान में तिरंगा फहराने को लेकर आंदोलन चलाया था। उन्हें 1990 की शुरूआत में ‘कश्मीर बचाओ’ आंदोलन से भी खासी पहचान मिली।
जोशी ने हाल ही में संपन्न धारवाड़ लोकसभा सीट पर 2,05,072 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी विनय कुलकर्णी को पराजित किया। अपने लंबे राजनीतिक कैरियर में पहली बार वह मंत्रिमंडल में शामिल हुये हैं।
रेलवे कर्मचारी व्यंकटेश जोशी और मालतीबाई की तीसरी संतान प्रह्लाद का जन्म 1962 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा रेलवे स्कूल में हुई और उन्होंने न्यू इंग्लिश स्कूल हुबली से हाईस्कूल और हुबली के ही श्री कडाईसिद्धेश्वर आर्टस कॉलेज से स्नातक तक की शिक्षा हासिल की।
वह युवावस्था में ही आरएसएस से जुड़ गए और संघ के प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने लगे। बाद में वह भाजपा में आये और पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए। उन्होने पहली बार 2004 में संसदीय चुनाव जीता और उसके बाद 2009, 2014 और 2019 में लगातार चुनाव जीतने में सफल रहे। वह भाजपा की कर्नाटक इकाई के महासचिव रहे और फिर 2013 में वह प्रदेशाध्यक्ष बने।