प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधिः अब 5 प्रतिशत लाभार्थियों का होगा फिजिकल वेरिफिकेशन, पकड़े जाने पर वापस लिए जाएंगे पैसे
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 5, 2020 01:26 PM2020-07-05T13:26:03+5:302020-07-05T13:49:44+5:30
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी। सरकार की कोशिश है कि इस महात्वाकांक्षी योजना का लाभ सिर्फ पात्र लोगों को ही मिले।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की विसंगतियां दूर करके पारदर्शी बनाए जाने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके लिए सरकार ने योजना के पांच प्रतिशत लाभार्थियों का फिजिकल विरेफिकेशन करवाए जाने की तैयारी की है। अगर इस दौरान गलत खातों में पैसे भेज दिए गये हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। कृषि मंत्रालय ने कहा है कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी। सरकार की कोशिश है कि इस महात्वाकांक्षी योजना का लाभ सिर्फ पात्र लोगों को ही मिले।
कैसे होगा फिजिकल वेरिफिकेशन?
फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए जिला स्तर पर एक सिस्टम है। जिलाधिकारी इसका नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा नोडल अधिकारी नियमित रूप से इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। चूंकि इस योजना के लाभार्थियों की संख्या ज्यादा है इसलिए आवश्यकता पड़ने पर बाहरी एजेंसियों की भी मदद ली जा सकती है। इस प्रक्रिया में केवल उन्हीं 5 प्रतिशत लोगों का सत्यापन किया जाएगा जो योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
सरकार ने इतने लोगों से वापस लिया है पैसा
2019 में दिसंबर तक सरकार आठ राज्यों के 1,19,743 लाभार्थियों के खातों से इस स्कीम का पैसा वापस ले चुकी है क्योंकि लाभ लेने वालों के नाम एवं उनके दिए गए कागजात मेल नहीं खा रहे थे। वेरीफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई गई है ताकि इस प्रकार की घटना फिर न हो। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र लिखकर कह चुका है कि अगर अपात्र लोगों को लाभ मिलने की सूचना मिलती है तो उनका पैसा कैसे वापस होगा।
कैसे वापस लिया जाएगा पैसा?
अगर सत्यापन के दौरान लाभार्थी अपात्र पाया जाता है तो उससे पैसा वापस लिया जाएगा। इसके लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार इस वापस हुई धनराशि के लिए अलग भारत कोष खाते में डालेगी। किसान सम्मान निधि की अगली किस्त में ऐसे लोगों का नाम हटाया जाएगा और खाते में जमा राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।