पॉक्सो कानून हुआ और कठोर, बच्चों के आक्रामक यौन उत्पीड़न पर मौत की सजा

By भाषा | Published: December 29, 2018 05:24 AM2018-12-29T05:24:02+5:302018-12-29T05:24:02+5:30

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण होना चाहिए और मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन को मंजूरी दी है। 

Posco law took place and the harsh, death sentence on children's aggressive sexual harassment | पॉक्सो कानून हुआ और कठोर, बच्चों के आक्रामक यौन उत्पीड़न पर मौत की सजा

पॉक्सो कानून हुआ और कठोर, बच्चों के आक्रामक यौन उत्पीड़न पर मौत की सजा

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘‘पॉक्सो’’ कानून को और मजबूत करने के लिए इसमें संशोधन को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। इसमें बच्चों के आक्रामक यौन उत्पीड़न करने पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, 18 वर्ष से कम आयु के बालक/ बालिका के खिलाफ अन्य अपराधों के लिए कठोर दंड मिलेगा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण होना चाहिए और मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन को मंजूरी दी है। 

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा - चार, पांच, छह, नौ, 14,15 और 42 में संशोधन बाल यौन अपराध के पहलुओं से उचित तरीके से निपटने के लिए किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अधिनियम की धारा चार, पांच और छह में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि बच्चों का आक्रामक यौन उत्पीड़न करने के मामले में मौत की सजा सहित कठोर सजा का प्रावधान हो सके। 

इसमें कहा गया है कि यह संशोधन देश में बाल यौन अपराध की बढ़ती हुई प्रवृति को रोकने के लिए कठोर उपाय करने की जरूरत के तहत किया जा रहा है। इसके मुताबिक यह अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को बच्चा परिभाषित किया गया है। यह लैंगिक रूप से निरपेक्ष कानून है। 

संशोधन में प्राकृतिक संकटों और आपदाओं के समय बच्‍चों के यौन अपराधों से संरक्षण और आक्रामक यौन अपराध के उद्देश्‍य से बच्‍चों की जल्‍द यौन परिपक्‍वता के लिए उन्हें किसी भी तरीके से हार्मोन या कोई रासायनिक पदार्थ देने के मामले में अधिनियम की धारा - नौ में संशोधन करने का भी प्रस्‍ताव किया गया है।

बयान में कहा गया है कि बाल पोर्नोग्राफी की बुराई से निपटने के लिए पॉक्‍सो अधिनियम, 2012 की धारा - 14 और धारा-15 में भी संशोधन का प्रस्‍ताव किया गया है। बच्‍चों से संबद्ध पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्‍ट नहीं करने/डिलीट नहीं करने पर जुर्माना लगाने का प्रस्‍ताव किया गया है।

साथ ही, इस तरह की चीजों को अदालत में साक्ष्य के तौर पर पेश करने सहित कुछ मामलों को छोड़ कर अन्य किसी भी तरह के इस्तेमाल में जेल या जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है। इसमें व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए किसी बच्‍चे की किसी भी रूप में पोर्नोग्राफिक सामग्री का भंडारण करने या उस सामग्री को अपने पास रखने के लिए दंड के प्रावधानों को अधिक कठोर बनाया गया है। 

प्रसाद ने कहा कि यह संशोधन देश में बाल यौन उत्पीड़न की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत के तहत सख्त उपाय करने के लिए किया गया है। 

Web Title: Posco law took place and the harsh, death sentence on children's aggressive sexual harassment

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