बिहार: शराबबंदी कानून पर गर्म है सियासत, RJD ने दी अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी तो JDU ने भी किया पलटवार
By एस पी सिन्हा | Published: January 19, 2022 04:58 PM2022-01-19T16:58:39+5:302022-01-19T16:59:34+5:30
बिहार में शराबबंदी कानून पर एक बार फिर सियासत हो रही है। जहां एक ओर शराबबंदी कानून को लेकर राजद के नेता लगातार तीखे हमले किये जा रहे हैं तो वहीं राजद की शराबबंदी को लेकर अविश्वास प्रस्ताव की धमकी पर जदयू ने भी कड़ा पलटवार किया है।
पटना:बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी जहरीली शराब पीने से हो रही लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार चौतरफा घिर गई है। इस बीच सरकार के द्वारा शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारी चल रही है। इससे सियासत गर्म हो गई है। ऐसे में शराबबंदी के पक्ष में बात करने वाले नेताओं के लिए राजद की ओर से लगातार तीखे हमले किये जा रहे हैं। इसके साथ ही शराबबंदी कानून में खामियां बताते हुए राजद के मुख्य प्रवक्ता व विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार के खिलाफ बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार की सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन जनता और राजद के मुताबिक करे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो राजद विधानसभा के बजट सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। भाई वीरेंद्र ने कहा है कि महागठबंधन की सरकार के दौरान लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून को इतना कड़ा नहीं बनाने को कहा था। उसी वक्त लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि इससे जनता की समस्याएं बढेंगी। जब शराबबंदी कानून के कारण जनता की समस्या बढ़ गई, तब एक बार फिर यह कहा कि शराबबंदी कानून फेल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी कानून के विफल होने के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराब माफिया से मिले कुछ करीबी लोग व कुछ बड़े नेता व अधिकारी हैं। जब से कानून बना है, जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सवाल यह है कि करीब 1.40 लाख गरीब शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद हैं। फिर, आखिर शराब बेचने वाले वे रसूखदार लोग कौन हैं, जिनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है? भाई वीरेंद्र ने स्पष्ट किया कि वे शराब चालू करने के पक्ष में नहीं कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कड़े कानून के ऐसे प्रावधानों, जिनपर अमल नहीं हो रहा है और जिनसे जनता परेशान है, राजद उनके खिलाफ है।
इसके साथ ही शराबबंदी पर नीतीश सरकार के खिलाफ मुखर हो चुकी राजद ने इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोदी के खिलाफ खुद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने उन पर कटाक्ष किया है। रोहिणी आचार्या ने आज सुबह ट्वीट कर लिखा- "निर्दोष लोगों की लाश के ढेर पर खड़े होकर कमीशन खोरी की चाहत में अंधा बनकर शराबबंदी कानून के पक्ष में दलील देकर हाफ पैंट वाला बरसाती मेंढक आखिर किस हिम्मत की बात कर रहा है?" हाफ पैंट वाला बरसाती मेंढक का बयान अत्यंत दुखद व शर्मनाक है।
जहरीली शराब से हुई मौत की त्रासदी में चिलम बाबा का बचाव करके बरसाती मेढक का शराबबंदी के पक्ष में दलील देना शराब माफियाओं से संबंध होने के प्रमाण का सबूत है। बरसाती मेंढक में अगर इतनी हिम्मत है तो वो घोषणा करे की कोरोना काल में एंबुलेंस से जहरीली शराब की सप्लाई में उसका हाथ नहीं है? दरअसल, एक दिन पहले ही सुशील मोदी ने ट्वीट कर शराबबंदी के पक्ष में बातें की थी। उन्होंने कहा था कि पूर्ण मद्य निषेध कानून को बिहार की आम जनता, विशेष कर महिलाओं का व्यापक समर्थन प्राप्त है। यदि राजद और कांग्रेस में हिम्मत है, तो वे घोषणा करे कि उनकी सरकार गलती से भी बन गई, तो वे शराबबंदी कानून को खत्म कर देंगे।
उधर, राजद की शराबबंदी को लेकर अविश्वास प्रस्ताव की धमकी पर जदयू ने भी कड़ा पलटवार किया है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन कर रही है। अगर राजद को शराबबंदी कानून पर इतना ही ऐतराज है, तो वह शराबबंदी कानून खत्म करने का मामला सदन में लाए, ताकि जनता शराबबंदी कानून लागू करने के समय सरकार के साथ खड़ी पार्टी का असली चेहरा देख सके।