प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को संबोधित करेंगे, चीन को दे सकते हैं बड़ा झटका
By गुणातीत ओझा | Published: June 29, 2020 10:47 PM2020-06-29T22:47:41+5:302020-06-30T05:56:41+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को देशवासियों को संबोधित कर सकेंगे। भारत और चीन के बीच जारी तनाव और देश में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी को लेकर पीएम मोदी देशवासियों को संबोधित कर सकते हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार की शाम चार बजे देश को संबोधित करेंगे। देश के नाम पीएम मोदी का संबोधन किस सिलसिले में होगा अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। सूत्रों की मानें तो पीएम भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव पर देश की जनता को संबोधित कर सकते हैं, साथ ही कोरोना महामारी को लेकर देशवासियों को जागरूक कर सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में चीन को बड़ा संदेश दे सकते हैं। बताते चलें कि पिछले महीने से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
Prime Minister Narendra Modi will address the nation at 4 PM tomorrow: Office of the Prime Minister (PMO) pic.twitter.com/PwIgD7xZSj
— ANI (@ANI) June 29, 2020
भारत ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर सहित 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया
बताते चलें कि इससे पहले भारत ने सोमवार को चीन को तगड़ा झटका दिया है। चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे एप भी शामिल हैं। सरकार ने कहा कि ये एप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं । प्रतिबंधित सूची में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं।
भारत से चीन का सफाया
ऐसे में इस फैसले ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बड़ी सफाई कर दी है। भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है। अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है। इसका दावा है कि सितंबर 2019 में दुनिया भर (चीन को छोड़कर) में उसके 1.1 अरब उपयोगकर्ता थे, जिसमें आधे भारत से थे। आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं।
यूजर्स का डेटा चुराकर भेजा जा रहा बाहरी देशों में
इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आघात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।’’ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी।
चीनी ऐप भारत की सुरक्षा के लिए खतरा
बयान में कहा गया है, ‘‘इनके आधार पर और हाल ही में विश्वसनीय सूचनाएं मिलने पर कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है।’’ बयान में कहा गया है कि यह कदम ‘‘करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। यह निर्णय भारतीय साइबरस्पेस की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।’’ फैसले पर इन कंपनियों की टिप्पणी फिलहाल नहीं मिल सकी है। वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार अलीबाबा, टेंसेंट, टीआर कैपिटल और हिलहाउस कैपिटल सहित चीनी निवेशकों ने 2015 से 2019 के बीच भारत के स्टार्टअप कंपनी क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है।