टैक्स सिस्टम में कई सुधार, पीएम मोदी ने लॉन्च किया नया प्लेटफॉर्म, जानें इसके फायदे और क्या मिले अधिकार
By पल्लवी कुमारी | Published: August 13, 2020 11:24 AM2020-08-13T11:24:02+5:302020-08-13T11:24:02+5:30
PM Narendra Modi launch the platform for 'Transparent Taxation – Honoring the Honest': पीएम मोदी ने 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट' प्लेटफॉर्म को लॉन्च करते हुए कहा, हमारी कोशिश है कि टैक्स प्रणाली सीमलेस हो, पेनलेस हो, फेसलेस हो।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट' (पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान) प्लेटफॉर्म को दिल्ली में लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं। पीएम मोदी ने इस खास टैक्स प्रोग्राम को लॉन्च करने के बाद सारे इनकम टैक्स अधकारियों और ईमानदार टैक्सपेयर्स को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके फायदे गिनाते हुए अपने संबोधन में कहा, इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट,फेसलेस अपील, टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू हो गए हैं। फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
This platform has big reforms such as faceless assessment, faceless appeal, and taxpayers charter. Faceless assessment & taxpayers charter come in force from today, whereas faceless appeal service will be available from September 25: Prime Minister Narendra Narendra Modi https://t.co/ln10I7zbxkpic.twitter.com/VkqZCs6AUE
— ANI (@ANI) August 13, 2020
पीएम मोदी ने बताएं 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट' टैक्स प्लेटफॉर्म के फायदे
पीएम मोदी ने कहा, एक दौर था जब हमारे यहां रिफॉर्म्स की बहुत बातें होती थीं। कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें रिफॉर्म कह दिया जाता था। इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे। अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई हैं।
पीएम मोदी ने कहा, हमारी कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली सीमलेस हो, पेनलेस हो, फेसलेस हो। सीमलेस यानी टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे। पेनलेस यानी टेक्नॉलॉजी से लेकर नियमों तक सब कुछ सिम्पल हो।
पीएम मोदी ने कहा, प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में टैक्स भी कम किया गया है। 5 लाख रुपये की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कॉर्पोरेट टैक्स के मामले में हम दुनिया में सबसे कम टैक्स लेने वाले देशों में से एक हैं।
#WATCH Live from Delhi -Prime Minister Narendra Modi launches the platform for “Transparent Taxation – Honoring the Honest.” https://t.co/Dc2GhVKGnz
— ANI (@ANI) August 13, 2020
पीएम मोदी ने कहा, इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नजर से नहीं देख सकता।
पीएम मोदी ने कहा, अब हाईकोर्ट में एक करोड़ रुपये तक के और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपये तक के केस की सीमा तय की गई है। 'विवाद से विश्वास' जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं।
पीएम मोदी ने लॉन्चिंग के बाद कहा, देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ताहै।
जानिए इससे और क्या-क्या होंगे फायदे
-इस टैक्स प्रोगाम के तहत टैक्स की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा है। आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी द्वारा कई पहल की गई हैं।
-लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर ‘विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020’ भी प्रस्तुत किया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं।
-करदाताओं की शिकायतों व मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई हैं।
-डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं और आयकर विभाग इन पहलों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
-‘विभाग ने ‘कोविड काल’ में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए हैं, जिनके तहत रिटर्न दाखिल करने की वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में तरलता या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं।’’