राजस्थान: झुंझुनूं में पीएम मोदी ने 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' किया लॉन्च, कहा- बेटियां बोझ नहीं होती हैं
By भारती द्विवेदी | Published: March 8, 2018 02:51 PM2018-03-08T14:51:07+5:302018-03-08T14:51:07+5:30
झुंझुनूं ने जिस शानदार तरीके से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को आगे बढ़ाया है, इसे ही देखकर मेरा मन हुआ कि मैं झुंझूनं की मिट्टी को माथे पर लगाऊं।
नई दिल्ली, 8 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के झुंझुनं में पैन इंडिया एक्सपेशन के कार्यक्रम 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' का उद्घाटन किया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वहां पर जनसभा को भी संबोधित किया है। मंच पर पीएम मोदी के साथ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद थीं। ये कार्यक्रम 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' की थीम पर आधारित थी।
PM Narendra Modi inaugurates pan-India expansion of Beti Bachao Beti Padhao programme in Jhunjhunu, Rajasthan. pic.twitter.com/Kur3oaJk3B
— ANI (@ANI) March 8, 2018
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
- पीएम मोदी ने कहा दुनिया में 100 साल से भी अधिक समय से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। आज पूरा देश झुंझनूं के साथ जुड़ा गया है।
- आज पूरा हिंदुस्तान झुंझुनूं के साथ जोड़ गया है। देश झुंझुनूं के इस भव्य दृश्य को देख रहा है। बेटी बोझ नहीं है। बेटी पूरे परिवार की आन, बान शान है।
- मैं झुंझुनूं ऐसे ही नहीं आया हूं। बहुत सोच-विचार करके आया हूं। आया क्या आपने मुझे खिंच लिया है। आपने मुझे आने के लिए मजबूर कर दिया है।
- झुंझुनूं ने जिस शानदार तरीके से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को आगे बढ़ाया है, इसे ही देखकर मेरा मन हुआ कि मैं झुंझूनुं की मिट्टी को माथे पर लगाऊं।
- बेटियां कभी बोझ नहीं होती हैं। अपने आस-पास देखिए कि कैसे लड़कियां हमारे देश का सर ऊंचा कर रही हैं। वो बहुत सारे क्षेत्र में बेहतर हैं।
- किसी भी समाज के लिए इससे बड़ी पीड़ा नहीं हो सकती है। कई दशकों से एक गलत सोच के कारण, सामाजिक बुराई के कारण हम अपनी बेटियों को सूली पर चढ़ाने का काम कर रहे हैं।
- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को अगर सफलता मिलती है तो मन को संतोष होता है। लेकिन कभी -कभी मन को पीड़ा होती है। पीड़ा इस बाते से होती हैं कि जिसे देश की संस्कृति इतनी महान है। वहां आखिरी क्या क्या कारण है? वो कौन सी बुराई घर कर गई की अपने ही घर में बेटी बचाने के लिए हाथ-पैर जोड़ने पड़े रहे हैं।