पांच वर्षों में हम निश्चित तौर पर पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर पहुंचेंगेः मोदी
By भाषा | Published: July 6, 2019 07:03 PM2019-07-06T19:03:56+5:302019-07-06T19:03:56+5:30
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय बजट 2019-20 पेश किए जाने के एक दिन बाद कहा, ‘‘ये वे लोग हैं जिन्हें हम ‘पेशेवर निराशावादी’ कह सकते हैं। ये पेशेवर निराशावादी आम आदमी से बिल्कुल भिन्न हैं। यदि आप कोई समस्या लेकर किसी आम आदमी के पास जाएंगे तो वह आपको समाधान बताएगा। लेकिन यदि आप समाधान के साथ इन लोगों के पास जाते हो तो ये उसे समस्या में बदल देंगे।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच साल के भीतर केंद्र के पांच हजार अरब डॉलर के अर्थव्यवस्था लक्ष्य की आलोचना करने वालों को शनिवार को ‘‘पेशेगत निराशावादी’’ करार दिया और कहा कि ‘‘नया भारत’’ आगे बढ़ने की दहलीज पर है।
वह शनिवार को पार्टी विचारक श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 118वीं जयंती के अवसर पर भाजपा के सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के बाद अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्र के रूप में, हमारे सामूहिक प्रयासों के साथ, अगले पांच वर्षों में हम निश्चित तौर पर पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर पहुंचेंगे। लेकिन कुछ लोग इस लक्ष्य की आवश्यकता पर सवाल उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि ये सब क्यों किया जा रहा है।’’
Prime Minister Narendra Modi visits the Virtual Experiential Museum (VEM) in Varanasi. Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath & BJP Working President JP Nadda also present. pic.twitter.com/e2UmX0XgWd
— ANI UP (@ANINewsUP) July 6, 2019
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय बजट 2019-20 पेश किए जाने के एक दिन बाद कहा, ‘‘ये वे लोग हैं जिन्हें हम ‘पेशेवर निराशावादी’ कह सकते हैं। ये पेशेवर निराशावादी आम आदमी से बिल्कुल भिन्न हैं। यदि आप कोई समस्या लेकर किसी आम आदमी के पास जाएंगे तो वह आपको समाधान बताएगा। लेकिन यदि आप समाधान के साथ इन लोगों के पास जाते हो तो ये उसे समस्या में बदल देंगे।’’
उन्होंने लगभग एक घंटे तक चले अपने संबोधन में कहा, ‘‘5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के विषय में जानना सबके लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि कुछ लोग हम भारतीयों के सामर्थ्य पर शक कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि भारत के लिए ये लक्ष्य प्राप्त करना बहुत मुश्किल है।’’
मोदी ने बजट के प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘नया भारत’’ आगे बढ़ने की दहलीज पर है। उन्होंने इस अवसर पर कविताओं की पंक्तियां पढ़ी, ‘‘वो जो सामने मुश्किलों का अंबार है, उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है। चुनौतियों को देखकर, घबराना कैसा । इन्हीं में तो छिपी संभावना अपार है। विकास के यज्ञ में जन-जन के परिश्रम की आहुति यही तो मां भारती का अनुपम श्रृंगार है ।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘गरीब और अमीर नए भारत की भुजाएं बनें... बदलते भारत की, यही तो पुकार है। देश पहले भी चला, और आगे भी बढ़ा। अब न्यू इंडिया दौड़ने को तैयार है, दौड़ना ही तो न्यू इंडिया का सरोकार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के पास असंभव को संभव में बदलने की शक्ति है। याद करने की कोशिश कीजिए जब देश को अनाज की कमी से जूझना पड़ता था। देश को अनाज का आयात करना पड़ता था। लेकिन तब (लाल बहादुर) शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का आह्वान किया और किसानों ने देश के अनाज भंडारों को भर दिया।’’
भाजपा के सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के बाद मोदी ने कहा कि इससे पार्टी के साथ सभी तबकों के और अधिक लोग जुड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘काशी की धरती से मैं पार्टी के हर समर्पित कार्यकर्ताओं का अभिवादन करता हूं। आज मुझे काशी से भाजपा के सदस्यता अभियान की शुरुआत करने का अवसर प्राप्त हुआ।’’
मोदी ने संस्कृत की पंक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि यह कठिन परिश्रम ही है जो अंतत: सफलता दिलाता है। उन्होंने कहा, ‘‘देश लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहा है। लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यकता इच्छाशक्ति की है।’’ मोदी ने कहा कि भाजपा की सादगी और ईमानदारी इसकी ताकत रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये (गुण) भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए बाध्यता नहीं, बल्कि उनके लिए एक अनिवार्यता हैं। हमें ये मूल्य अटल जी, आडवाणी जी, जोशी जी जैसे लोगों से मिले हैं। आज के सदस्यता अभियान की मुख्य अनुभूति यह है कि हमें पार्टी के साथ ही देश के दूत के रूप में काम करना चाहिए।’’
मोदी ने मंच पर कुछ लोगों को भाजपा सदस्यता के कार्ड दिए। उन्होंने भाजपा और अन्य दलों के बीच असमानताओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमने कहा कि साथ आएं देश बनाएं। हमने यह कभी नहीं कहा कि साथ आएं और सरकार बनाएं।’’
मोदी ने कहा कि भाजपा ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे में और अन्य में यही अंतर है। सरकार केवल एक तंत्र है जो राष्ट्र निर्माण के लिए जरूरी होती है...दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि सरकार सिर्फ ऐसे लोगों का समूहभर नहीं होनी चाहिए जो सत्ता के लिए एकत्र हुए हों।’’
मोदी ने कहा ''गरीबी हमारे दिल दिमाग में एक नियति बन गयी बन गई प्रतीत होती है।’’ इससे पहले यहां एक दिन के दौरे पर पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने हवाईअड्डे पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा और भाजपा प्रदेश इकाई के प्रमुख महेंद्र नाथ पांडे भी थे। इस मौके पर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री और सुनील शास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री के रिश्तेदार एवं उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी मौजूद थे।
मोदी का अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र का यह दूसरा दौरा था। मोदी ने 4.79 लाख मतों के अंतर से लगातार दूसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट पर विजय प्राप्त की थी जिसके बाद वह मतदाताओं का शुक्रिया अदा करने के लिए 27 मई को वाराणसी पहुंचे थे। शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मोदी पौधारोपण मुहिम ‘आनंद कानन’’ के लिए रवाना हो गए।