वायु सेना के लिए 10 और थल सेना के लिए 5 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे, 3887 करोड़ की लागत, जानें खासियत, यहां किया जाएगा तैनात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 30, 2022 08:20 PM2022-03-30T20:20:38+5:302022-03-30T20:21:51+5:30
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) लिमिटेड सीरीज उत्पादन की खरीद के साथ-साथ 377 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे की प्रणाली को मंजूरी दी है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने 3887 करोड़ रुपये की लागत से स्वदेश में विकसित 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) की खरीद को बुधवार को मंजूरी दे दी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 10 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के लिए और पांच भारतीय थल सेना के लिए होंगे। मंत्रालय ने कहा, ‘‘सीसीएस ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) लिमिटेड सीरीज उत्पादन की खरीद के साथ-साथ 377 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे की प्रणाली को मंजूरी दी है।’’
Cabinet Committee on Security (CCS) led by PM Modi today cleared procurement of 15 Light Combat Helicopter (LCH) Limited Series Production at the cost of Rs. 3,887 Cr along with Infrastructure sanctions worth Rs. 377 Cr: Ministry of Defence pic.twitter.com/9TwTDkHci2
— ANI (@ANI) March 30, 2022
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) स्वदेश विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जिसमें मूल्य के हिसाब से लगभग 45 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है जो उत्तरोत्तर बढ़कर 55 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हेलीकॉप्टर का उत्पादन करती है।
हेलीकॉप्टर की खरीद का निर्णय ऐसे वक्त आया है जब सेना की तीनों इकाई चीन के साथ सीमाओं सहित भारत के समक्ष रक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी समग्र युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। मंत्रालय के मुताबिक, यह हेलीकॉप्टर अपेक्षित दक्षता, गतिशीलता, विस्तारित रेंज, ऊंचाई पर उड़ान के प्रदर्शन आदि क्षमता से लैस है।
मंत्रालय ने कहा कि हेलीकॉप्टर को ऊंचाई वाले बंकर-भंडाफोड़ अभियानों, जंगल और शहरी वातावरण में आतंकवाद रोधी अभियानों और जमीन पर मौजूद सुरक्षा बलों का सहयोग करने के लिए भी तैनात किया जा सकता है। हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल धीमी गति से उड़ान भरने वाले विमानों और दुश्मनों द्वारा दूर से रिमोट द्वारा संचालित विमान (आरपीए) के खिलाफ भी किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि यह भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसमें अगले तीन से चार दशकों के लिए उभरती जरूरतों का ध्यान रखा गया है। लड़ाकू भूमिकाओं में तैनाती के लिए विशिष्ट प्रणालियों को एलसीएच में जोड़ा गया है। मंत्रालय ने कहा कि एचएएल द्वारा एलसीएच का निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को और बढ़ावा देगा तथा देश में रक्षा उत्पादन और रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
एलसीएच के उत्पादन से देश में लड़ाकू हेलीकॉप्टर के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर पहले से ही आयात प्रतिबंध सूची में हैं। लड़ाकू अभियानों के लिए कई विशेषताओं के साथ, एलसीएच में निर्यात क्षमता है।