लद्दाख में पीएम नरेंद्र मोदी ने बढ़ाया जवानों का हौसला, कहा- 'आपकी बहादुरी और समर्पण की बराबरी कोई नहीं कर सकता'
By विनीत कुमार | Published: July 3, 2020 02:21 PM2020-07-03T14:21:15+5:302020-07-03T14:32:04+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह लेह पहुंचे और सीमा की स्थिति का जायजा लिया। पीएम मोदी ने इसके बाद जवानों को भी संबोधित किया और उनका हौसला बढ़ाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख दौरे के दौरान वहां मौजूद सेना को संबोधित करते हुए कहा कि 'आपकी बहादुरी और मातृभूमि के लिए समर्पण की बराबरी कोई नहीं कर सकता है।' चीन से तनातनी के बीच लेह पहुंचे पीएम ने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि सैनिकों की वीरता के आगे देश आज नतमस्तक है।
पीएम मोदी ने कहा, 'आपने जो बहादुरी दिखाई है, उससे भारत की मजबूती का एक संदेश दुनिया में गया है। आपकी जज्बा उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आज आप तैनात हैं। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आपके त्याग, बलिदान, पुरुषार्थ के कारण और भी मजबूत होता है।'
The bravery that you and your compatriots showed, a message has gone to the world about India’s strength: Prime Minister Narendra Modi to solidiers in Nimmoo, Ladakh pic.twitter.com/IHRK8UNkDB
— ANI (@ANI) July 3, 2020
पीएम ने आगे कहा, 'हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा। यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं। ये धरती वीर भोग्या है। इसकी सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है। ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं।'
पीएम ने कहा, 'आज हर देशवासी का सिर वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन कर रहा है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।'
पीएम मोदी ने श्रीकृष्ण का किया जिक्र
पीएम मोदी ने अपने भाषण में श्रीकृष्ण का जिक्र करते हुए कहा, हम वही लोग हैं जो बांसुरी बजाने वाले श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं लेकिन हम वो लोग भी हैं जो उस कृष्ण को मानते हैं जो सुदर्शन चक्र धारण करते हैं।
पीएम मोदी ने सैनिकों से कहा कि भारत माता के दुश्मनों ने आपकी आग और पराक्रम को देखा है। उन्होंने चीन को इशारों-इशारों मे संदेश देते हुए कहा, 'आज विस्तारवाद की नीति खत्म हो गई है और ये विकास का युग है। इतिहास गवाह है कि विस्तारवाद की नीति मानने वाले या तो खत्म हो गये या पीछे हटने को मजबूर हो गए।'