नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन 2.0 की घोषणा करते समय एक खास किस्म का गमछा पहना था. तब इस गमछे ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. पीएम मोदी तब कैमरे पर देशवासियों के सामने मुंह पर जो सफेद गमछा लपेट कर आये थे उसमें कुछ तो खास था. गमछे के दोनों किनारों पर लाल रंग की पट्टी थी और लाल रंग की पट्टी के बाद सफेद हिस्से पर काले रंग डॉटस थे.
पीएम ने दिल्ली में ये गमछा लपेटा लेकिन इसका सीधा फायदा बाराबंकी के बुनकरों को मिला. ऐसे ही गमछे बना रहे बाराबंकी के बुनकरों की पूछ बढ़ गयी है. गमछों की मांग में उछाल आ गयी आई तो बाराबंकी के बुनकरों ने इसकी बुनाई शुरू कर दी. बाराबंकी में लोग दूर-दूर से इन गमछों की तलाश में आने लगे हैं.
बाराबंकी के शहाबपुर के उबेद अंसारी ये गमछे बना रहे हैं. अंसारी कहते हैं कि मास्क की कमी होने से इस गमछे की मांग बढ़ी है. अब इस गमछे की मांग बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के मौके बढ़ेंगे. उबेद अंसारी कहते हैं कि जब हमने पीएम को टीवी पर ये गमछा पहने देखा तभी हमने इसे बनाना शुरू दिया. इस गमछे की मांग अभी भी है. इस गमछे की होल सेल कीमत 70-75 प्रति पीस हैं. इस बिक्री बढ़ने से बारांबकी और आस पास के हज़ारों लोग जो गमछा बनाने के काम से जुड़े हैं उनको इसकी वजह से रोज़गार मिला है.
गमछे बनाने के काम से जुड़े मोहम्मद वैस कहते हैं कि हमें उबेद अंसारी से ऐसे ही गमछे बनाने के ऑर्डर मिले हैं. कहते हैं "लॉकडाउन की वजह से हमारा काम बंद हो गया था लेकिन जब मोदी जी ने ये गमछा पहना तो इसकी मांग बढ़ गयी. हम अब तक हम 500 गमछे उबेद अंसारी के लिए बना चुके हैं".
कानपुर में ई कॉमर्स कंपनियां ऐसे गमछे खरीदने में खास रुचि ले रही हैं. ये कपनियां ज्यादा से ज्यादा गमछे खरीद कर इन्हें ऑनलाइन बेचना चाहती हैं. 'मार्केट गून्स' कंपनी के मालिक महावीर कहते हैं " 3 हज़ार गमछों के ऑर्डर दिये हैं लेकिन बुनकरों के पास इस वक्त सिर्फ 500 गमछे हैं इस लिए मैंने सब खरीद लिए हैं. हमें एसईओ के जरिए पता चला कि लोग इस गमछे को सर्च कर रहे हैं. मैंने पता करने की बहुत कोशिश की लेकिन मुझे ये कहीं नहीं मिला. अब जाकर मुझे उबेद अंसारी के बारे में पता चला तो मैं इनके पास गमछे खरीदने पहुंचा हूं".
कपड़े बेचने का काम करने वाले एक और कारोबारी उबेद अंसारी के कारखाने पर मोबाइल लिए बैठे है. वो बुनकरों को पीएम की फोटो दिखाकर वैसे ही गमछे की मांग करते हैं. कारखानें कारीगर तैयार माल की पैकिंग से पहले खरीदने आए व्यापारी को पीएम की तरह गले में गमछा लपेट कर दिखाते हैं. खरीददार व्यापारी भी मुंह ढक कर देख रहे हैं और खास लुक की पड़ताल कर संतुष्ट हो रहे हैं.
इस व्यापारी ने भी कहा "मार्केट में इसकी बहुत ज्य़ादा डिमांड है. अगर ऑफ ऑनलाइन सर्च करेंगे तो कहीं मिल भी नहीं रहा हैं. पता करते-करते मुझे उबेद अंसारी के बारे में जानकारी मिली. पहले उबेद अंसारी को खोजते हुए बाराबंकी आये भी थे लेकिन मुलाकात नहीं हुई. आज फोन पर बता हो गयी तब हम यहां पहुंचे हैं".