भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने वाले संगठनों को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं: प्रधानमंत्री

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 3, 2022 01:50 PM2022-11-03T13:50:00+5:302022-11-03T13:55:31+5:30

विज्ञान भवन में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार एक ऐसी बुराई है जिससे हम सभी को दूर रहना चाहिए.. हम भी पिछले आठ वर्षों से ‘अभाव’ और ‘दबाव’ से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं।’’

pm modi said Organizations taking action against corruption and corrupt need not be on the defensive in cvc meet | भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने वाले संगठनों को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं: प्रधानमंत्री

भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने वाले संगठनों को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं: प्रधानमंत्री

Highlightsपीएम ने कहा, भ्रष्टाचारी को समाज के कटघरे में खड़ा किए जाने का वातावरण बनाना बहुत आवश्यक है।सीवीसी बैठक में पीएम ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से ‘‘अभाव और दबाव’’ से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं।

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने वाले संगठनों को ना तो रक्षात्मक होने की और ना ही अपराध बोध में जीने की जरूरत है। यहां विज्ञान भवन में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘किसी भी कीमत पर’’ भ्रष्टाचारी बचने नहीं चाहिए और उन्हें राजनीतिक व सामाजिक प्रश्रय भी नहीं मिलना चाहिए।

पीएम ने कहा कि छात्र यहां आए हैं लेकिन सिर्फ 20% पुरुष भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में इनाम ले गए और 80% इनाम बेटियां ले गई। इस 20 को 80 कैसे करें क्योंकि डोर तो उनके हाथ में है। इन पुरुष में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ वही ताकत पैदा हो जो बेटियों के दिल-दिमाग में है। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाले CVC और बाकी संगठनों को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है। मैं लंबे अरसे से इस व्यवस्था से निकला हूं, लंबे अरसे तक सरकार के प्रमुख के रूप में काम करने का मौका मिल। पीएम ने कहा कि मैंने बहुत गालियां सुनी है, बहुत आरोप सुना है, मेरे लिए कुछ नहीं बचा है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘‘भ्रष्टाचार एक ऐसी बुराई है जिससे हम सभी को दूर रहना चाहिए.. हम भी पिछले आठ वर्षों से ‘अभाव’ और ‘दबाव’ से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं।’’ मोदी ने कहा कि सभी सरकारी एजेंसियों को तंत्र को बदलने के लिए काम करना चाहिए और भ्रष्टाचार की परंपरा समाप्त होनी चाहिए क्योंकि भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने कहा कि देश को एक ऐसा प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता रखता हो। प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों के लिए सरकारी विभागों को रैंकिंग देने का सुझाव देते हुए कहा, ‘‘हमें मिशन मोड पर सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को अंतिम रूप देने की आवश्यकता है।’’

भ्रष्टाचारी को समाज के कटघरे में खड़ा किए जाने का वातावरण बनाना बहुत आवश्यक

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हर भ्रष्टाचारी को समाज के कटघरे में खड़ा किए जाने का वातावरण बनाना बहुत आवश्यक है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा होने के बावजूद कई बार भ्रष्टाचारियों का गौरवगान भी किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो देखता हूं कि ईमानदारी का ठेका लेने वाले लोग, उनके साथ (भ्रष्टाचारियों) फोटो खींचवाने में भी शर्म नहीं करते। यह स्थिति भारतीय समाज के लिए ठीक नहीं है। ऐसे लोगों को समाज द्वारा कर्तव्य का बोध कराया जाना बहुत आवश्यक है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले सीवीसी जैसे संगठनों और एजेंसियों को रक्षात्मक होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश की भलाई के लिए काम करने वालों को अपराध बोध में जीने की जरूरत नहीं है।

हमें राजनीतिक एजेंडे पर नहीं चलना है

उन्होंने कहा, ‘‘हमें राजनीतिक एजेंडे पर नहीं चलना है लेकिन देश के सामान्य लोगों को जो मुसीबतें हो रही है, उससे उन्हें मुक्ति दिलाने का हमारा काम है और हमें इसे करना है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे संगठन जब ईमानदारी से अपना काम करते हैं तो भले ही कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए चिल्लाते रहें, लेकिन उन्हें समाज का साथ मिलता है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘देश के लिए ईमानदारी से काम करते समय कुछ भी अगर इस प्रकार के विवाद खड़े होते हैं तो आपको रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है। समाज आपके साथ खड़ा होता है।’’

पिछले आठ वर्षों से ‘‘अभाव और दबाव’’ से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड से भ्रष्टाचार, शोषण की और संसाधनों पर नियंत्रण की जो विरासत मिली, दुर्भाग्य से आजादी के बाद इसे और विस्तार मिला। उन्होंने कहा लेकिन आजादी के अमृतकाल में दशकों से चली आ रही इस परिपाटी को पूरी तरह बदल देना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले आठ वर्षों से ‘‘अभाव और दबाव’’ से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं और मांग व आपूर्ति के अंतर को भरने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हमने तीन रास्ते चुने हैं। एक आधुनिक प्रौद्योगिकी का रास्ता है, दूसरा मूल सुविधाओं को पूरा करने का लक्ष्य है और तीसरा आत्मनिर्भरता का रास्ता है।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी योजना के हर पात्र लाभार्थी तक पहुंचने और शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने से समाज में भेदभाव भी समाप्त होता है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश को भी खत्म कर देता है।

रक्षा क्षेत्र में घोटाले की संभावना भी समाप्त हो गई है

रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे इस क्षेत्र में घोटाले की संभावना भी समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘राइफल से लेकर फाइटर जेट और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तक आज भारत खुद बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। विकसित भारत के लिए हमें एक ऐसा प्रशासनिक इकोसिस्टम विकसित करना है जो भ्रष्टाचार पर शून्य सहिष्णुता रखता हो।’’ मोदी ने कहा कि ये 'सतर्कता सप्ताह' उन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती से शुरू हुआ है जिनका पूरा जीवन ईमानदारी, पारदर्शिता और इससे प्रेरित जन सेवा के निर्माण के लिए समर्पित रहा। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सीवीसी के नए ‘शिकायत प्रबंधन प्रणाली’ पोर्टल का उद्घाटन भी किया। इस पोर्टल की परिकल्पना नागरिकों को उनकी शिकायतों की स्थिति पर नियमित अपडेट के माध्यम से शुरू से अंत तक की जानकारी मुहैया कराने के लिए की गई है।

‘नैतिकता और अच्छे व्यवहार’ पर सचित्र पुस्तिकाओं की शृंखला का विमोचन

उन्होंने ‘नैतिकता और अच्छे व्यवहार’ पर सचित्र पुस्तिकाओं की एक शृंखला का विमोचन भी किया। यह ‘निवारक सतर्कता’ संबंधी श्रेष्ठ प्रथाओं का संकलन है। उन्होंने सार्वजनिक खरीदारी पर विशेष अंक ‘विजय-वाणी’ का भी विमोचन किया। सीवीसी जीवन के हर क्षेत्र में सत्यनिष्ठा अपनाने का संदेश फैलाने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने के वास्ते हर साल सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाता है। इस वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह 31 अक्टूबर से छह नवंबर तक ‘एक विकसित राष्ट्र के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ विषय के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सीवीसी द्वारा इस विषय पर आयोजित राष्ट्रव्यापी निबंध प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ निबंध लिखने वाले पांच छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किए। 

Web Title: pm modi said Organizations taking action against corruption and corrupt need not be on the defensive in cvc meet

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