'लेह-लद्दाख की लाइफलाइन बनेगी 'अटल टनल'', उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा- अटल जी का सपना पूरा हुआ
By स्वाति सिंह | Published: October 3, 2020 11:39 AM2020-10-03T11:39:10+5:302020-10-03T14:39:46+5:30
पीएम मोदी ने कहा कि हमेशा से यहां अवसंरचनाओं को बेहतर बनाने की मांग उठती रही, लेकिन लंबे समय तक देश में सीमा से जुड़ी विकास की परियोजनाएं या तो योजना के स्तर से बाहर ही नहीं निकल सकीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग में आज (शनिवार) दुनिया की सबसे बड़ी 'अटल टनल' का लोकार्पण किया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। यह सुरंग 9.02 किमी लंबी है। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना पूरा नहीं हुआ है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है। अक्सर लोकार्पण की चकाचौंध में वो लोग कहीं पीछे रह जाते हैं, जिनके परिश्रम से ये सब संभव हुआ है। इस महायज्ञ में अपना पसीना बहाने वाले, अपनी जान जोखिम में डालने वाले, मेहनतकश जवानों, इंजीनियरों और मजदूर भाई बहनों को मैं नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमेशा से यहां अवसंरचनाओं को बेहतर बनाने की मांग उठती रही, लेकिन लंबे समय तक देश में सीमा से जुड़ी विकास की परियोजनाएं या तो योजना के स्तर से बाहर ही नहीं निकल सकीं। उन्होंने कहा कि जो (परियोजनाएं) निकली भी वो या तो अटक गईं या फिर लटक गईं और भटक गईं। अटल सुरंग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि साल 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सुरंग के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था, लेकिन उनकी सरकार जाने के बाद इस काम को भी भुला दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हालत ये थी कि साल 2013-14 तक सुरंग के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था। विशेषज्ञ बताते हैं जिस रफ्तार से उस समय अटल सुरंग का काम हो रहा था, उसी रफ्तार से यदि काम होता तो यह 40 साल में जाकर शायद पूरा हो पाता।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसंरचना की इतनी बड़ी परियोजना के निर्माण में देरी से देश का हर तरह से नुकसान होता है। इससे लोगों को सुविधा मिलने में तो देरी होती ही है, इसका खामियाजा देश को आर्थिक स्तर पर भी उठाना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता।’’ उन्होंने कहा कि उस वक्त के लिहाज से इसके निर्माण में तीन गुना से अधिक खर्च आया। ‘‘अंदाजा लगाइए जब इसमें 20 साल और लग जाते तो क्या स्थिति होती।’’
उन्होंने कहा कि संपर्क का देश के विकास से सीधा संबंध होता है और सीमा से जुड़े इलाकों में तो संपर्क देश की रक्षा जरूरतों से जुड़ी होती है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे लेकर जिस गंभीरता की आवश्यकता थी, जिस राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता थी, वैसी नहीं दिखाई दी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अटल सुरंग की तरह ही अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया।