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आर्टिकल 370 ने कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 8, 2019 20:26 IST

देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे। देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे। 

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ठळक मुद्देदेश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए Minority Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये लागू नहीं था।देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए Minimum Wages Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये सिर्फ कागजों पर ही था। 

देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने में फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया।

इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था। समाज जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है। 

अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था। उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी। आर्टिकल 370 और 35ए इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान की ओर से एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था।

जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे

देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे। देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे। 

हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए काम करती है। समाज जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है। कानून बनाते समय काफी बहस होती है उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं।

इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है,वो पूरे देश के लोगों का भला करता है। लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों।

देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए Minority Act लागू...

देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए Minority Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये लागू नहीं था। देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए Minimum Wages Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये सिर्फ कागजों पर ही था। 

जो पहले की सरकारें कानून बनाकर वाहवाही लूटती थीं, वो भी ये दावा नहीं कर पाती थीं कि उनका कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होगा। उन कानूनों के लाभ से जम्मू कश्मीर के लोग वंचित रह जाते थे। शिक्षा के अधिकार के लाभ से जम्मू कश्मीर के बच्चे अब तक वंचित थे।

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