प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव में कहा कि लोगों और संगठनों के बीच संवाद अवश्य होना चाहिए, भले ही उनके सोचने का तरीका कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि ‘लाइसेंस राज‘ ’और ‘परमिट राज’ की आर्थिक संस्कृति व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के आड़े आ रही थी। दरअसल, पीएम मोदी आज (30 अगस्त) को मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया में युवाओं के सरनेम मायने नहीं रखते, जो मायने रखता है वह यह कि वे अपना नाम बनाने की क्षमता रखते हैं। न्यू इंडिया कुछ लोगों की आवाज नहीं बल्कि हर भारतीय की आवाज है। यह एक ऐसा भारत है, जहां भ्रष्टाचार कभी भी एक विकल्प नहीं हो सकता।
पीएम मोदी ने कहा कि आज लोग कहते हैं कि हम स्वच्छ भारत बनाकर रहेंगे। हम भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करके रहेंगे। हम सुशासन को एक जन आंदोलन बना कर रहेंगे। यह सब संभव हुआ है तो केवल दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण। उन्होंने ने कहा कि अब आम लोग रेलवे स्टेशनों पर WiFi सुविधाओं का उपयोग करने लगे हैं। क्या कभी किसी ने सोचा था कि यह संभव हो पाएगा? सिस्टम भी वही हैं और लोग भी वही हैं। अंतर आया है तो केवल काम करने के तरीके में।
उन्होंने कहा कि हमें हर बात पर सहमत होने की जरूरत नहीं है, सार्वजनिक जीवन में इतनी सभ्यता होनी चाहिए कि विभिन्न विचारधाराओं के लोग एक दूसरे को सुन सकें।