फणीश्वरनाथ रेणु जन्मशती: नया कीर्तिमान, 4 मार्च को एक साथ कई विशेषांकों का लोकार्पण होगा

By अरविंद कुमार | Published: March 1, 2021 06:16 PM2021-03-01T18:16:38+5:302021-03-01T20:02:35+5:30

फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के अररिया जिले में  फॉरबिसगंज के छोटे से गांव औराही–हिंगना में हुआ था। उस समय यह पूर्णिया जिले में था।

Phanishwar Nath Renu birth centenary record Gandhi Peace Foundation on 4 March | फणीश्वरनाथ रेणु जन्मशती: नया कीर्तिमान, 4 मार्च को एक साथ कई विशेषांकों का लोकार्पण होगा

गौरतलब है कि किशन कालजयी द्वारा संपादित "संवेद" पत्रिका में देश के 106 लेखकों ने रेणुजी के साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर लिखा है। (file photo)

Highlightsसमारोह का आयोजन राजेंद्र भवन रजा फाउंडेशन और मैला आंचल ग्रुप ने किया है। अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवि आलोचक अशोक वाजपेयी करेंगे।4 मार्च को गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में रेणु पर 10 पत्रिकाओं के विशेष अंकों  का एक साथ लोकार्पण किया जाएगा।

नई दिल्लीः हिंदी के अमर शब्द शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की सौवीं जयंती पर हिंदी साहित्य में एक नया कीर्तिमान स्थापित होने जा रहा है।

4 मार्च को गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में रेणु पर 10 पत्रिकाओं के विशेष अंकों  का एक साथ लोकार्पण किया जाएगा। इसके साथ ही उन पर दो संपादित पुस्तकों "रेणु प्रसंग" (संपादक प्रज्ञा तिवारी) और" रेणु के उपन्यास"(राकेश रेणु) का भी लोकार्पण किया जाएगा। समारोह का आयोजन राजेंद्र भवन रजा फाउंडेशन और मैला आंचल ग्रुप ने किया है। 

हिंदी साहित्य में पहली बार किसी लेखक की जन्म शताब्दी पर इतने सारे विशेषांकों का एक साथ लोकार्पण किया जा रहा है। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में जैनेंद्र,अज्ञेय, रामविलास शर्मा,नागार्जुन, मुक्तिबोध आदि कई यशस्वी लेखकों की जन्म शती मनाई गई पर किसी की जन्मशती के मौके पर इतने विशेषांकों का लोकार्पण नहीं हुआ।

गांधी शांति प्रतिष्ठान, रजा फाउंडेशन, राजेंद्र भवन और मैला आंचल ग्रुप द्वारा आयोजित इस समारोह में "कथादेश", "लमही"  "पाखी," "नवनीत," समवेद" , "बनास जन" ,"प्रयाग पथ", "माटी" "सृजन सरोकार ",और" सृजन लोक" पत्रिका का रेणु विशेषांक लोकार्पण किया जाएगा।

समारोह में प्रसिद्ध कला समीक्षक और कवि प्रयाग शुक्ल, चर्चित उपन्यासकार मृदुला गर्ग, जानी मानी लेखिका मैत्रेयी पुष्पा भाग लेंगी। अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवि आलोचक अशोक वाजपेयी करेंगे। गौरतलब है कि किशन कालजयी द्वारा संपादित "संवेद" पत्रिका में देश के 106 लेखकों ने रेणुजी के साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर लिखा है।

570 पृष्टों की इस पत्रिका में रेणु की सभी 63 कहानियां और उनके सभी उपन्यासों आदि पर लेख हैं। इस तरह" बनास  जन "में भी करीब 45 लोगों और "प्रयाग राज " में "30" लोगों तथा "माटी" में 40 लोगों ने रेणुजी  के साहित्य की विभिन्न आयामों पर लेख लिखे हैं। इसके अलावा रेणु के पैतृक गांव औराही हिंगना (रेणु ग्राम) में चार मार्च को रेणु की चर्चित कहानी "संवादिया " पर बनी फिल्म भी जारी की जाएगी।

इसे कोलकाता की साहित्यिक संस्था "नीलांबर"  ने तैयार किया है। इसके अलावा भारत, जर्मनी और उज़्बेकिस्तान के संयुक्त तत्वावधान में अप्रैलमें  एक अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया जा रहा जिसमें उज़्बेकिस्तान से शिराजुद्दीन नर्मतोव, श्रीलंका से उपुल रंजीत, मॉरिशस से गुलशन सुखलाल, चीन से ग फू फिंग, तंग पिंग, वांग ली, फ्रांस से क्रिस्टीना सोजानकी, जापान से इशिदा हिदेयकी, अमेरिका से रिचर्ड डेलेसी, ऑस्ट्रेलिया से इयान वुलफोर्ड, डेनमार्क से एलमार रैनर, पोलैंड से टेरेसा मियाज़ेक, रूस से इंदिरा गाजिएवा, बुल्गारिया से आनंदवर्धन शर्मा, पुर्तगाल से शिव कुमार सिंह और भारत से प्रेमकुमार मणि, के एस राव, भारत यायावर, बद्रीनारायण, मणिन्द्र नाथ ठाकुर, हितेंद्र पटेल, रश्मि चौधरी, दीपक राय, आशीष अग्निहोत्री, पल्लवी प्रसाद, देविना अक्षयवर  आदि लेखकों, इतिहासकारों, राजनीति विज्ञानियों, समाजशास्त्रियों, अध्येताओं तथा अन्य विद्वानों के भाग लेने की संभावना है।

आयोजन के संयुक्त संयोजक देवेन्द्र चौबे (भारत), राम प्रसाद भट्ट (जर्मनी) और उल्फत मुहीब (उज़्बेकिस्तान) के अनुसार  3 और 4 अप्रैल 2021 को रेणु पर आयोजित इस परिसंवाद में उनके लेखन के बहाने समकालीन भारत, भारतीय गांव, ग्रामीण इतिहास, ग्रामीण जीवन और रेणु की भाषा एवं कथा की कला आदि को समझने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम में गणपत तेली, प्रदीप कुमार (भारत), क्रिस्टीना मेट्ज़, लक्ष्मी शर्मा (जर्मनी) और  शर्मातोवा गुलियारा, नीलुफर खोदजायेवा (उज़्बेकिस्तान) जैसे युवा अध्येता एवं विद्वान भी शामिल होंगे।

रेणु के जन्मशती वर्ष में लॉकडाउन के कारण ऑफलाइन कार्यक्रम तो आयोजित नहीं किया जा सका पर साल भर सोशल मीडिया पर कई ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें मैला आंचल ग्रुप  ने साठ व्याख्यान आयोजित किए।

साथ ही केंद्रीय साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं अन्य संस्थाओं ने भी रेणु की स्मृति  में समारोह आयोजित किए। हिंदी के प्रसिद्ध लेखक शिव मूर्ति अपने गांव में रेणु जी  की स्मृति में एक आयोजन किया है। इस वर्ष रेणुजी पर जर्मनी विश्विद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय वेबिनार भी हुआ।

Web Title: Phanishwar Nath Renu birth centenary record Gandhi Peace Foundation on 4 March

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