PFI प्रतिबंध के बाद फिर से खड़ा होने की कोशिश कर रहा है: सूत्र
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 15, 2023 01:09 PM2023-09-15T13:09:47+5:302023-09-15T13:16:15+5:30
प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्य अपने राजनीतिक मोर्चे एसडीपीआई के माध्यम से एक नया संगठन लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।

फाइल फोटो
तिरुवनंतपुरम: प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य अपने राजनीतिक मोर्चे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के माध्यम से एक नया संगठन लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पिछले सितंबर में केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद संगठन के नेता और कार्यकर्ता सक्रिय रूप से एसडीपीआई के साथ मिलकर एक युवा मोर्चा बनाने के लिए नए सदस्यों को शामिल कर रहे हैं। इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि एसडीपीआई इसके बारे में व्यापक संकेत दे रही है कि वो जल्द ही युवाओं को शामिल करते हुए एक नए संगठन के गठन की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार प्रतिबंधित संगठन पीएफआई ने अपने पुराने भर्ती तरीकों में भी कुछ बदलाव किए हैं। भर्ती प्रक्रिया में अब प्रत्येक क्षेत्र से 4 से 5 संभावित लोगों को पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर चुना जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण के साथ धन भी मुहैया करायेगा।
इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि जब संगठन एक बार अपने गढ़ों में पर्याप्त सदस्यों की भर्ती कर लेगा तो एसडीपीआई समसामयिक राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर रैलियां और कार्यक्रमों को आयोजित करना शुरू कर देगी। संभावना जताई जा रही है कि अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले एसडीपीआई द्वारा नए संगठन को लॉन्च की जा सकती है।
बताया जा रहा है कि प्रतिबंध से पहले पीएफआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं को धार्मिक केंद्रों और उनसे जुड़े संस्थानों में भर्ती किया जाता था। सूत्रों ने बताया कि एक बार जब संगठन और उसका भर्ती पैटर्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गया तो पीएफआई ने नए सदस्यों को भर्ती करने के लिए नया तरीका अपनाना शुरू कर दिया था।
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछले तीन महीनों में पीएफआई और एसडीपीआई के नेताओं ने त्रिवेन्द्रम में कई निजी बैठकें कीं और अगले कुछ महीनों में उत्तरी राज्यों के नेताओं के भी कई गुप्त सभाओं को आयोजित करने में तैयारी में हैं।
सूत्रों ने बताया कि पीएफआई ने साइबर विशेषज्ञों की भर्ती भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि शामिल लोगों को साइबर विंग के लिए काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। माना जाता है कि संगठन ऐसे कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रहा है, जो तकनीक के अनुकूल हैं और सदस्यों को जोड़ने और संगठन के संचालन विस्तार में साइबरस्पेस का पता लगाने में सक्षम हो।
मालूम हो कि पिछले साल केंद्र सरकार ने कथित राष्ट्रविरोधी एजेंडे के लिए पीएफआई को पूरे देश में यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।