PFI Ban: कपिल मिश्रा ने कहा, 'मोदी राज में सपोलों को दूध नहीं पिलाया जाता, फन कुचला जाता है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 28, 2022 03:36 PM2022-09-28T15:36:52+5:302022-09-28T15:40:47+5:30
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने केंद्र सरकार द्वारा पांच सालों के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगाये गये प्रतिबंध का स्वागत करते हुए उसकी तुलना जहरीले सांप से की है।
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता कपिल मिश्रा ने एनआईए की लंबी जांच और छापेमारी के बाद केंद्र सरकार द्वारा पांच सालों के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगाये गये प्रतिबंध को सही ठहराते हुए उसकी तुलना सांप से की है। भाजपा के बयानवीर कहे जाने वाले कपिल मिश्रा अक्सर ऐसी बातें करते रहते हैं, जो मीडिया में सुर्खियां बन जाती हैं।
पीएफआई बैन की घोषणा के बाद भी कपिल मिश्रा ने कुछ इसी तरह का काम किया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो साझा करते हुए पीएफआई की तुलना जहरीले सांप से करते हुए कहा, "ये नरेंद्र मोदी का भारत है, यहां सपोलो को दूध नहीं पिलाया जाता बल्कि सांपों के फन को कुचला जाता है। भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का सपना देखने वाले पीएफआई के विषैले सपोलों पर बैन लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जी का आभार।"
ये नरेंद्र मोदी का भारत है , यहाँ सपोलो को दूध नहीं पिलाया जाता बल्कि साँपों के फ़न को कुचला जाता है
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 28, 2022
भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का सपना देखने वाले PFI के विषैले सपोलों पर बैन लगाने के लिए PM @narendramodi और गृहमंत्री @AmitShah जी का आभार pic.twitter.com/5CZFY9ixnr
मालूम हो कि जापान यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेश वापसी के बाद केंद्र सरकार ने ऐलान किया कि पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों को यूएपीए के तहत पांच सालों के लिए किया बैन किया जाता है। पीएफआई के साथ जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।
केंद्र द्वारा इन पर लगाये गये प्रतिबंध के समर्थन और विरोध में देशभर से आवाज उठ रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि ये संगठन देशी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और इनसे देश की एकता और अखंडता को खतरा है। वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए। इसके साथ ओवैसी ने यह भी कहा कि इस तरह का कठोर प्रतिबंध खतरनाक है क्योंकि यह उन मुसलमानों पर प्रतिबंध है, जो अपने मन की बात कहना चाहते हैं।
But a draconian ban of this kind is dangerous as it is a ban on any Muslim who wishes to speak his mind
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 28, 2022
The way India's electoral autarky is approaching fascism, every Muslim youth will now be arrested with a PFI pamphlet under India's black law, UAPA
वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पटना में पीएफआई प्रतिबंध पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को घेरते हुए कहा कि पीएफआई और उससे संबंधिक संगठनों पर बैन के साथ संघ पर भी बैन लगाया जाना चाहिए। लालू यादव ने कहा कहा, "पीएफआई पर जांच हो रही है। पीएफआई की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें आरएसएस भी शामिल है। सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए। सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।"
PFI पर जांच हो रही है। PFI की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए.... सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है: RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, दिल्ली pic.twitter.com/HJDBGwyYp0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2022
मालूम हो कि बीते गुरुवार से एनआईए पीएफआई के खिलाफ अनवरत छापेमारी कर रही है। बीते मंगलवार को भी सुरक्षा एजेंसी ने सात राज्यों में स्थानीय पुलिस की मदद से देश के विभिन्न जिलों में पीएफआइ से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा था और 170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था। वहीं गुरुवार को एनआइए ने 15 राज्यों में छापेमारी करके 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था और कई देश विरोधी आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया था।