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पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क और वैट में कटौती के बाद किस राज्य में कितनी कम हुई कीमत, देखें पूरी लिस्ट

By भाषा | Updated: November 4, 2021 16:46 IST

उत्पाद शुल्क दरों में रिकॉर्ड कटौती और कुछ राज्यों द्वारा वैट में कमी के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी आई है। देश भर में पेट्रोल की कीमतों में 5.7 रुपये से 6.35 रुपये तक की कमी आई है।

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ठळक मुद्देदिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 6.07 रुपये और डीजल में 11.75 रुपये प्रति लीटर की कटौती।केंद्र ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की थी।उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा और बिहार में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क दरों में रिकॉर्ड कटौती के बाद तेल कंपनियों द्वारा इसका फायदा ग्राहकों को देने के चलते गुरुवार को देश भर में पेट्रोल की कीमतों में 5.7 रुपये से 6.35 रुपये तक और डीजल की कीमतों में 11.16 रुपये से 12.88 रुपये तक की कटौती हुई।

केंद्र सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिये बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की थी।

चूंकि राज्यों द्वारा स्थानीय बिक्री कर या वैट (मूल्य वर्धित कर) सिर्फ आधार मूल्य पर नहीं, बल्कि केंद्र द्वारा लगाए गए उत्पाद शुल्क पर भी लगाते हैं, इसलिए ईंधन की कीमतों में वास्तविक अधिक कटौती हुई है।

दिल्ली में 6 रुपये से ज्यादा कम हुए पेट्रोल के दाम

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 6.07 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 11.75 रुपये प्रति लीटर की कटौती हुई।

पेट्रोल की कीमतों में सबसे कम कटौती दादर और नगर हवेली में हुई, जहां दाम 5.7 रुपये घटे। राजस्थान में सबसे अधिक 6.35 रुपये प्रति लीटर की कटौती हुई।

डीजल के लिहाज से चेन्नई में सबसे कम 11.16 रुपये प्रति लीटर और ओडिशा में सबसे अधिक 12.88 रुपये प्रति लीटर की कटौती हुई। वैट की दरें विभिन्न राज्यों में अलग-अलग होती हैं, जिससे ईंधन की दरों में अंतर होता है।

इसके अलावा करीब आधा दर्जन भाजपा शासित राज्यों ने वैट में कटौती की घोषणा की, लेकिन खबर लिखे जाने तक सिर्फ चार राज्यों ने इस संबंध में औपचारिक रूप से अधिसूचना जारी की थी।

वैट में कटौती के कारण पुडुचेरी में पेट्रोल और डीजल, दोनों की कीमतों में प्रति लीटर सात रुपये की अतिरिक्त कमी हुई। गोवा में पेट्रोल पर 5.47 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4.38 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कटौती हुई।

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा और बिहार में भी कीमतों में कमी

गुजरात में भी पेट्रोल पर 5.65 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4.32 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त कटौती हुई। वैट कटौती के कारण उत्तराखंड में पेट्रोल 81 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ।

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा और बिहार ने भी वैट में कमी की घोषणा की है। बुधवार रात घोषित उत्पाद शुल्क में कटौती अब तक की सबसे बड़ी कटौती है। इसके साथ ही मार्च 2020 और मई 2020 के बीच पेट्रोल और डीजल पर करों में क्रमश: 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है।

उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

दिवाली की पूर्व संध्या पर की गयी इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार ने कल से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।"

अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद देश भर में खुदरा दरों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद उत्पाद शुल्क में कमी की गई। ईंधन की कीमतों में लगातार हुई वृद्धि की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। खासकर कांग्रेस ने आलोचना करते हुए सरकार से उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग की थी।

सरकार को हर माह 8,700 करोड़ रुपये के राजस्व का होगा नुकसान

अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को प्रति माह 8,700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। उद्योग सूत्रों के अनुसार इससे सालाना आधार पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा। वहीं चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए, प्रभाव 43,500 करोड़ रुपये का होगा।

उत्पाद शुल्क में कमी से मोटर चालकों को राहत मिलेगी। ट्रकों और कृषि क्षेत्र के लिए यह सबसे बड़ी राहत होगी, जो डीजल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।

बयान के मुताबिक किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से, ‘लॉकडाउन’ के दौरान भी आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखा और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी से उन्हें आगामी रबी सीजन के दौरान प्रोत्साहन मिलेगा।

हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।

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