न्यायपालिका के खिलाफ बयानों के लिये जगनमोहन रेड्डी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज

By भाषा | Published: December 1, 2020 09:04 PM2020-12-01T21:04:39+5:302020-12-01T21:04:39+5:30

Petition seeking action against Jaganmohan Reddy dismissed for statements against judiciary | न्यायपालिका के खिलाफ बयानों के लिये जगनमोहन रेड्डी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज

न्यायपालिका के खिलाफ बयानों के लिये जगनमोहन रेड्डी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज

नयी दिल्ली, एक दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और न्यायपालिका के खिलाफ बयान देने के मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के विरूद्ध कार्रवाई के लिये दाखिल जनहित यचिकायें मंगलवार को खारिज कर दीं।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने कहा कि अधिवक्ता जी एस मणि की वह याचिका ‘विचार योग्य नहीं है’’, जिसमें उनकी टिप्पणियों की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने याचिकाकर्ताओं को पहले से एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति देने से भी इंकार कर दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘उस न्यायालय को इस बारे में निर्णय करना है। हम एक ही विषय पर हस्तक्षेप के लिये सैकड़ों आवेदन दाखिल करने की अनुमति नहीं दे सकते। आप समाचार पत्रों से कुछ भी उठा लें और आप जो चाहें उसे अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल कर दें। यदि हम एक अधिवक्ता को ऐसा करने की अनुमति देंगे तो कुछ अन्य अधिवक्ता भी अपने आवेदन के साथ सामने आ जायेंगे।’’

शीर्ष अदालत ने इस तरह के बयान देने के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ सीबीआई या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने के मामले पर भी विचार किया।

पीठ ने कहा, ‘‘इसमें संदेह नहीं है कि एक बयान दिया गया था और यह सार्वजनिक है। इन बयानों में जांच के लिये क्या है? सीबीआई या सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसमें क्या जांच करेंगे? इन बयानों के मसले पर न्यायालय की एक अन्य पीठ पहले से ही विचार कर रही है और उसने तो मीडिया पर उच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी पाबंदी भी हटा दी है। अब इसमें क्या बचा है?’’

हालांकि, अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह की जनहित याचिका अमरावती के भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले की जांच से पुलिस को रोकने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की लंबित अपील के साथ सलंग्न कर दी।

सिंह की ओर से अधिवक्ता मुक्ति सिंह ने कहा कि ईएमएस नम्बूदरीपाद प्रकरण में शीर्ष अदालत ने कहा था कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एक विशेष प्रकार के बयान नहीं दे सकते हैं ओर उन्हें ऐसा करने से रोका था। उन्होंने जगन मोहन रेड्डी को भविष्य में इस तरह के बयान देने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

पीठ ने कहा कि वह इस पर नोटिस जारी कर रही है, लेकिन मामले को पहले से लंबित याचिका के साथ संलग्न कर रही है।

न्यायालय, शीर्ष अदालत के पीठासीन न्यायाधीश के खिलाफ मुख्यमंत्री के बयानों की जांच के लिये मणि सिंह, अधिवक्ता प्रदीप कुमार यादव और एक गैर सरकारी संगठन की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

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Web Title: Petition seeking action against Jaganmohan Reddy dismissed for statements against judiciary

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