नीट में शामिल होने के वास्ते न्यूनतम आयु मानदंड को चुनौती देने संबंधी याचिका खारिज
By भाषा | Published: August 17, 2021 05:07 PM2021-08-17T17:07:33+5:302021-08-17T17:07:33+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) में शामिल होने के लिए 17 वर्ष के न्यूनतम आयु मानदंड को चुनौती देने संबंधी एक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि पात्रता मानदंड तय करना नीतिगत मामला है और इसमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है। पीठ ने कहा, ‘‘हमें पात्रता की आयु कम करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अदालतों की प्राथमिक भूमिका कानून की व्याख्या करना है, विशेष तौर पर जब कानून स्पष्ट हो। न्यायालय का कानून से कोई सरोकार नहीं है जैसा कि उसे होना चाहिए।’’ याचिकाकर्ता छात्र के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल, जो चिकित्सा के क्षेत्र में जाना चाहता है, की उम्र परीक्षा में शामिल होने के लिए केवल 13 महीने कम थी और न्यूनतम आयु 17 वर्ष से घटाकर 15 वर्ष की जानी चाहिए। वकील ने कहा, ‘‘यह पीढ़ी दो दशक पहले की पीढ़ी से कहीं अधिक आगे है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘एक याचिकाकर्ता को अनुमति मिली तो कल दूसरा याचिकाकर्ता अदालत में आएगा।’’ उसने कहा, ‘‘रिट याचिका में कोई दम नहीं है और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ इसे खारिज किया जाता है।’’ प्रतिवादी अधिकारियों की ओर से पेश अधिवक्ता टी सिंहदाव ने कहा कि आयु मानदंड तय करने वाला नियम ‘‘समय की कसौटी पर खरा उतरा है।’’ अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि 17 वर्ष की आयु पात्रता संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 19 और 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
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