'कैब' के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, पीस पार्टी ने दायर की रिट पिटीशन

By विनीत कुमार | Published: December 13, 2019 12:18 PM2019-12-13T12:18:26+5:302019-12-13T12:19:47+5:30

नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर कई विपक्षी पार्टियां खिलाफ हैं। कांग्रेस भी कह चुकी है इस बिल को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

Peace Party has filed a writ petition Citizenship Amendment Act in Supreme Court | 'कैब' के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, पीस पार्टी ने दायर की रिट पिटीशन

सीएबी के खिलाफ पीस पार्टी ने दायर की सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन (फाइल फोटो)

Highlightsपीस पार्टी ने सीएबी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर कीटीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दायर की है याचिका

नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ पीस पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दायर कर दी है। इससे पहले टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भी इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी हैं। वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सीएबी को 'संदिग्ध' बताते हुए कहा है कि कहा है कि इसे जल्द चुनौती दी जाएगी।

इस बिल पर गुरुवार देर शाम ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर किये जिसके बाद ये कानून बन चुका है। इससे पहले इसी हफ्ते लोकसभा और फिर राज्य सभा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिल को पास कराने में कामयाब रही थी।

इस बिल को लेकर हालांकि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में खासा विरोध हो रहा है। हालात ये तक बन गये कि राज्य सभा में जब बुधवार को बिल पर चर्चा हो रही थी, लगभग उसी दौरान असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू लगाने पड़े। साथ ही असम के कुछ जिलों इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। यही नहीं, त्रिपुरा में भी इंटरनेट को बंद किया गया। साथ ही कुछ जगहों पर सेना को उतारना पड़ा।  

नागरिक संशोधन विधेयक में पाकिस्तान, अफ्गानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की याचिका में कहा गया है, 'शरणार्थियों को नागरिकता दिये जाने के बारे में कोई शिकायत नहीं है लेकिन याचिकाकर्ता की शिकायत धर्म के आधार पर भेदभाव और अनुचित वर्गीकरण को लेकर है।'

Web Title: Peace Party has filed a writ petition Citizenship Amendment Act in Supreme Court

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