पटना हाईकोर्ट के 7 जजों ने 'न्याय' के लिए खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, मामला सुनकर चीफ जस्टिस भी हुए हैरान, जानें पूरी डिटेल

By विनीत कुमार | Published: February 22, 2023 09:36 AM2023-02-22T09:36:57+5:302023-02-22T09:36:57+5:30

पटना हाईकोर्ट के 7 जजों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डालकर कह है कि उनका जीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया गया है। इन जजों ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की।

Patna High court 7 judges moves supreme court for justice claims their gpf account closed | पटना हाईकोर्ट के 7 जजों ने 'न्याय' के लिए खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, मामला सुनकर चीफ जस्टिस भी हुए हैरान, जानें पूरी डिटेल

पटना हाईकोर्ट के 7 जजों ने 'न्याय' के लिए खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: पटना हाईकोर्ट के सात जजों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन जजों ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों को बंद कर दिया गया है। इस मामले को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मंगलवार को पेश किया गया था। चीफ जस्टिस इसके बाद हैरानी जताते हुए मामले पर सुनवाई के लिए सहमत हो गए और इसे 24 फरवरी (शुक्रवार) को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए।

यह मामला चीफ जस्टि डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ के सामने आया था। पीठ के सामने याचिकाकर्ताओं के वकील ने इस मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि सात न्यायाधीशों के जीपीएफ खाते बंद कर दिए गए हैं और मामले में जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। 

चीफ जस्टिस ने इस पर कहा, 'क्या? न्यायाधीशों का जीपीएफ खाता बंद हो गया? याचिकाकर्ता कौन है?' इस पर वकील ने जवाब दिया- 'पटना हाईकोर्ट के सात जज'। इसके बाद प्रधान न्यायाधिश ने मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने को कहा।

पटना हाईकोर्ट के 7 जजों ने डाली है याचिका

सामने आई जानकारी के अनुसार पटना उच्च न्यायालय के जस्टिस शैलेंद्र सिंह, जस्टिस अरुण कुमार झा, जस्टिस जितेंद्र कुमार, जस्टिस आलोक कुमार पांडे, जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा, जस्टिस चंद्र प्रकाश सिंह और जस्टिस चंद्रशेखर झा की ओर से संयुक्त रूप से यह याचिका डाली गई है। इस याचिका को इन जजों की ओर से अधिवक्ता प्रेम प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया।

इन जजों की नियुक्ति अप्रैल 2010 में बिहार की सुपीरियर न्यायिक सेवा के तहत सीधी भर्ती के रूप में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के तौर पर हुई थी। इन्हें पिछले साल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। ये सभी जब न्यायिक अधिकारी थे, तब वे राष्ट्रीय पेंशन योजना का हिस्सा थे। इसके बाद साल 2016 में बिहार सरकार ने एक नीति बनाई थी कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) से पुरानी पेंशन योजना में जाने वाले लोग अपनी एनपीएस योगदान राशि वापस पाने के हकदार होंगे। साथ ही कहा गया था कि इस राशि को वे या तो अपने बैंक खाते में रख सकेंगे या इसे जीपीएफ खाते में जमा किया जा सकता है।

जज नियुक्त होने पर इन्हें एक-एक जीपीएफ खाता दिया गया, जहां इन्होंने अपनी एनपीएस राशि निकालकर उसे जमा किया। पिछले साल नवंबर में महालेखाकार ने कानून और न्याय मंत्रालय से इन न्यायाधीशों द्वारा एनपीएस राशि को जीपीएफ खातों में स्थानांतरित करने की वैधता के बारे में राय मांगा था। इसी राय के आधार पर इन जीपीएफ खातों को बंद किया गया। 

GPF फंड क्या होता है? 

जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड सिर्फ सरकारी कर्मचारी खुलवा सकते हैं। नाम से ही जाहिर है कि यह एक तरह का प्रोविडेंट फंड (पीएफ) है। सरकारी कर्मचारियों को इसमें अपनी सैलरी में से कुछ तय रकम जमा करानी होती है। रिटायरमेंट के बाद ये रकम कर्मचारियों को मिल जाती है। इस रकम के साथ इतने सालों तक जमा राशि पर ब्याज भी साथ दिया जाता है।

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