बेटी को टिकट खरीदकर सांसद बनवाया?, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री अशोक चौधरी और प्रशांत किशोर में ठनी, मानहानि का मुकदमा, कानूनी सलाहकारों से सलाह
By एस पी सिन्हा | Updated: April 26, 2025 17:18 IST2025-04-26T17:17:02+5:302025-04-26T17:18:55+5:30
पाकिस्तान समर्थित गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, आतंकी घटनाओं में कमी नहीं आएगी।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में पिछले दिनों जनसुराज के सूत्रधार ने प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाया था। जिसके बाद अशोक चौधरी ने शनिवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं कि मैंने पैसे देकर अपनी बेटी को टिकट दिलाया वह पूरी तरह बेबुनियाद है। मैं अपने कानूनी सलाहकारों से विचार-विमर्श कर रहा हूं और जल्द ही उन पर मानहानि का मुकदमा करूंगा। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी यादव जनता से पांच साल के लिए मौका मांग रहे हैं तो उन्होंने कहा कि अभी वैकेंसी नहीं है।
तेजस्वी यादव आवेदन देते रहे लेकिन फिलहाल कोई वैकेंसी नहीं है। इसके साथ ही पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों पर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पाकिस्तान को लेकर जो निर्देश जारी किए गए हैं, उनके तहत यदि कोई नागरिक वहां नहीं जाएगा तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जब तक पाकिस्तान समर्थित गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, आतंकी घटनाओं में कमी नहीं आएगी।
कश्मीर को लेकर जो हालात हैं, उसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें कि प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों जमुई में आयोजित अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री अशोक चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अशोक चौधरी का राजनीतिक चरित्र क्या है, यह सबको पता है। उन्होंने अपनी बेटी को टिकट खरीदकर सांसद बनवाया। बिहार के किसी नेता या पार्टी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह हम पर एक रुपया भी लेने का आरोप लगा सके।
प्रशांत किशोर ने कहा था कि हम न तो विधायक हैं, न सांसद, न ही हम बालू माफिया या शराब माफिया के लिए काम करते हैं। हमने जो भी धन अर्जित किया है, वह अपनी बुद्धि और मेहनत से किया है। हम जो भी संसाधन खर्च कर रहे हैं वह बिहार के गरीब लोगों के लिए खर्च कर रहे हैं, ताकि पैसे के अभाव में उन्हें राजनीति से दूर न रहना पड़े।